देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की डीजीपी अभिनव कुमार से हुई बैठक में पुलिस कांस्टेबल भर्ती में आयु सीमा बढ़ाने को लेकर सकारात्मक निर्णय लिया गया है। डीजीपी ने बेरोजगारों को आश्वासन दिया है कि भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा बढ़ाई जाएगी।
बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने बताया कि डीजीपी ने कहा है कि सरकार और पुलिस प्रशासन बेरोजगारों की मांगों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भर्ती के फॉर्म भले ही निकल गए हों, लेकिन आयु सीमा बढ़ाने की कार्रवाई जारी है और जल्द ही फॉर्म भरने से वंचित रह गए बेरोजगारों को भी फॉर्म भरने का मौका दिया जाएगा।
कंडवाल ने बताया कि उन्होंने डीजीपी के समक्ष उत्तर प्रदेश सरकार का शासनादेश प्रस्तुत किया जिसमें तीन वर्ष तक भर्ती न होने पर बेरोजगारों को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 2014 के बाद 2022 में भर्ती आयोजित हुई थी और इस अवधि में आयु सीमा में कोई छूट नहीं दी गई। उन्होंने मांग की कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी आयु सीमा में पांच साल की छूट दी जाए।
बेरोजगारों ने डीजीपी से अपील की है कि वे इस मामले में ऐतिहासिक फैसला लें। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे पूरे प्रदेश में रैलियां और प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।
बेरोजगार संघ ने यह भी जानकारी दी है कि 2000 कांस्टेबल की भर्ती में महिलाओं के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं की गई है। इस मुद्दे पर भी जल्द ही फैसला लेने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु:
- डीजीपी ने पुलिस भर्ती में आयु सीमा बढ़ाने का आश्वासन दिया।
- बेरोजगारों ने उत्तर प्रदेश के शासनादेश का हवाला देते हुए पांच साल की छूट की मांग की।
- 2000 कांस्टेबल की भर्ती में महिलाओं के लिए सीट आरक्षण की मांग भी की गई।
- बेरोजगारों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे प्रदर्शन करेंगे।
यह खबर उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए राहत की खबर है। उन्हें उम्मीद है कि डीजीपी के आश्वासन के अनुसार आयु सीमा बढ़ाई जाएगी और उन्हें रोजगार का अवसर मिलेगा।
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