देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दुर्लभ कस्तूरी मृग की तस्करी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने WCCB दिल्ली टीम के साथ मिलकर यह कार्रवाई विकास नगर, देहरादून में की।
गिरफ्तार तस्कर के पास से क्या मिला?
गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान कृष्ण कुमार, निवासी नौगांव, उत्तरकाशी के रूप में हुई है। उसके पास से 25 ग्राम कस्तूरी और मृग के पंजे बरामद हुए हैं। यह कस्तूरी मृग उत्तराखंड का राज्य पशु है और इसकी तस्करी करना कानूनन अपराध है।
कहां से आई थी कस्तूरी?
एसटीएफ एसपी चंद्र मोहन सिंह के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह कस्तूरी गंगोत्री नेशनल पार्क से लाई गई थी। तस्कर ने बताया कि उसने खुद मृग को नहीं मारा, बल्कि कस्तूरी खरीदने आया था।
आगे की कार्रवाई
एसटीएफ ने तस्कर के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस तस्कर के नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
एसपी चंद्र मोहन सिंह का बयान
एसपी चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि एसटीएफ जंगली जानवरों की तस्करी के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इस गिरफ्तारी से वन्य जीवों की तस्करी करने वालों में हड़कंप मच गया है।
यह घटना क्यों है महत्वपूर्ण?
कस्तूरी मृग एक संकटग्रस्त प्रजाति है और इसकी तस्करी एक गंभीर अपराध है। यह घटना दिखाती है कि वन्य जीव तस्कर अभी भी सक्रिय हैं और उन्हें पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
यह खबर क्यों है महत्वपूर्ण?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें वन्य जीवों की तस्करी के गंभीर मुद्दे के बारे में जागरूक करती है। यह खबर हमें यह भी बताती है कि हमारे वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियां कैसे काम कर रही हैं।
आप क्या कर सकते हैं?
आप वन्य जीवों की तस्करी को रोकने में मदद कर सकते हैं। अगर आपको किसी भी तरह की वन्य जीव तस्करी की जानकारी हो तो तुरंत पुलिस या वन विभाग को सूचित करें।
अन्य जानकारी
- कस्तूरी मृग की कस्तूरी का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है और इसे बहुत महंगा बेचा जाता है।
- कस्तूरी मृग की तस्करी भारत में एक बड़ा व्यवसाय है।
- वन्य जीवों की तस्करी न केवल वन्य जीवों को खतरे में डालती है बल्कि यह जैव विविधता को भी नुकसान पहुंचाती है।
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