राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) के 67वें सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण आज देहरादून लौट आईं। उन्होंने सिडनी के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस सम्मेलन में भाग लिया और विभिन्न देशों के सांसदों के साथ संसदीय लोकतंत्र, शासन और वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सम्मेलन में भाग लेने का अनुभव बहुत ही सकारात्मक और शिक्षाप्रद रहा। उन्होंने बताया कि वह इस बार के सम्मेलन में अन्य एक स्पीकर के साथ, CPA की एग्जीक्यूटिव कमिटी में नॉमिनेट की गईं। यह एक बड़ी उपलब्धि थी और इससे भारत की सक्रिय भागीदारी को और अधिक मजबूती मिली है।
ऋतु खंडूरी ने आगे कहा कि एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसमें CPA को अब चैरिटी संगठन से नॉन-चैरिटी संगठन में बदलने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने इस बदलाव की सराहना करते हुए कहा, “हम अब एक चैरिटी ऑर्गनाइजेशन नहीं रहेंगे, जैसा कि पहले ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ करता था। हम एक सशक्त और समृद्ध अंतरराष्ट्रीय संगठन बनेंगे जो संसदीय लोकतंत्र को और मजबूत करेगा।”
इस दौरान, उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा किए गए इस महत्वपूर्ण फैसले का भी उल्लेख किया, जिसमें किंग ने अपने संबोधन में CPA को चैरिटी से नॉन-चैरिटी संगठन में बदलने की बात की।
ऋतु खंडूरी भूषण ने इस सम्मेलन के दौरान संसदीय लोकतंत्र और governance के मुद्दों पर गहन चर्चा की। साथ ही, उन्होंने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से भारतीय संसद के कार्यों और सुधारों पर भी विचार विमर्श किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “यह सम्मेलन एक बेहतरीन अवसर था जहां हम विश्वभर के सांसदों के साथ संसदीय प्रणाली को बेहतर बनाने और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के विषय पर चर्चा कर सके।”
ऋतु खंडूरी भूषण की इस यात्रा ने न केवल भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि उत्तराखंड विधानसभा को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।