देहरादून, 09 नवंबर: उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी देना था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब निर्भय होकर काम कर सकती हैं और उन्हें किसी भी तरह के भेदभाव का सामना नहीं करना चाहिए।
कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। पुलिस उप महानिरीक्षक पी रेणुका ने भारतीय दंड संहिता के नए कानूनों और साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी। डॉ. पारुल दीक्षित ने महिलाओं को विभिन्न कानूनी जानकारी उपलब्ध कराई। राज्य सहकारी संघ की महानिदेशक सुश्री रमिन्द्री मंद्रवाल ने महिलाओं के स्वरोजगार के अवसरों के बारे में बताया।
कार्यक्रम में उपस्थित राज्यमंत्री मधु भट्ट, बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना और राज्यमंत्री विनोद उनियाल ने महिलाओं को प्रेरित किया और आयोग के प्रयासों की सराहना की।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया।
- महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- कार्यशाला में महिलाओं को कानूनी प्रावधानों और स्वरोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई।
- राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
यह कार्यशाला महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
#महिलासशक्तिकरण #उत्तराखंड #महिलाआयोग