देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए राज्य की ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों में प्रशासकों के रूप में निवर्तमान प्रधान और ब्लॉक प्रमुखों को नियुक्त किया है। हरिद्वार जिले को छोड़कर राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में अगले छह महीने तक निवर्तमान प्रधान ही प्रशासक के रूप में कार्य करते रहेंगे। इसी तरह, क्षेत्र पंचायतों में भी ब्लॉक प्रमुख प्रशासक के रूप में काम करेंगे।
क्या कहा पंचायतीराज विभाग के सचिव ने?
पंचायतीराज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार ने बताया कि यह निर्णय उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम-2016 के तहत लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को चुनाव ना होने की स्थिति में छह महीने या उससे अधिक समय के लिए प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार है। इससे पहले, सरकार ने जिला पंचायतों में भी निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक बनाया था।
ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुखों की मांग हुई पूरी
ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों में सहायक खंड विकास अधिकारी और एसडीएम को प्रशासक के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद से ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुख लगातार मांग कर रहे थे कि उन्हें ही प्रशासक बनाया जाए। सरकार ने उनकी इस मांग को मानते हुए यह फैसला लिया है।
ग्राम प्रधान संगठन ने जताया आभार
ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर संभल ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय है।
क्या है इस फैसले का महत्व?
यह फैसला लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने और ग्रामीण विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ग्राम पंचायतों में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और विकास कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन होगा।
उत्तराखंड सरकार का यह फैसला ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में तेजी आएगी और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।