
देहरादून: उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि राज्य में कार्यरत हजारों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को जल्द ही पेंशन मिल सकती है। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम:
यह कदम उत्तराखंड सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में राज्य में लगभग 40,000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं कार्यरत हैं। सरकार का मानना है कि पेंशन योजना से इन महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे अपने जीवन के अंतिम चरण को बेहतर ढंग से जी सकेंगी।

नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन की तारीख बढ़ी:
इसके साथ ही, मंत्री ने नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन की तारीख को बढ़ाकर 15 जनवरी कर दिया है। यह योजना राज्य की बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। अब तक इस योजना के तहत 36,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
अन्य योजनाओं की समीक्षा:
बैठक में महिला सारथी योजना, आंगनबाड़ी कल्याण कोष सहित कई अन्य योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने अधिकारियों को इन योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर सरकार का फोकस:
यह स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पेंशन देने और नंदा गौरा योजना जैसी योजनाओं को बढ़ावा देने से राज्य में महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक स्तर निश्चित रूप से ऊंचा उठेगा।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पेंशन मिल सकती है।
- नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन की तारीख बढ़ी।
- सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान दे रही है।