
देहरादून: देव भूमि उत्तराखण्ड यूनिवर्सिटी (DBUU) में जल्द ही एक पेटेंट इनफार्मेशन सेंटर खोला जाएगा, जो प्रदेश के छात्रों और शोधकर्ताओं के इनोवेटिव आइडियाज को पेटेंट करने में मदद करेगा। यह जानकारी उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट) के डायरेक्टर जनरल, प्रोफेसर दुर्गेश पंथ ने देहरादून में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की वेलिडेक्टरी सेरेमनी में दी।
प्रोफेसर पंथ ने कहा कि इस पेटेंट सेंटर के जरिए देव भूमि उत्तराखण्ड यूनिवर्सिटी और आसपास के विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों के अनुसंधान और नवाचारों को पेटेंट कराने की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, इन शोधों की एक्सपर्ट मोनिटरिंग भी की जाएगी, जिससे इनोवेशन के क्षेत्र में प्रदेश को एक नई दिशा मिल सकेगी।

देश के 12 युवा रिसर्चर्स का सम्मान
वेलिडेक्टरी सेरेमनी में ओरल और पोस्टर प्रेजेंटेशन की अलग-अलग श्रेणियों में देशभर के विभिन्न फार्मेसी विश्वविद्यालयों और संस्थानों से आए 12 युवा रिसर्चर्स को पुरस्कार से नवाजा गया। प्रोफेसर पंथ ने इस अवसर पर कहा कि भारत में युवा पीढ़ी तेजी से बदलाव ला रही है, क्योंकि देश की 65% आबादी 35 साल से कम उम्र की है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड को केवल देवभूमि ही नहीं, बल्कि ‘युक्ति भूमि’ के रूप में भी जाना जाता है, जहां इनोवेशन और रिसर्च की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में 42 विश्वविद्यालय और 35 विज्ञान और तकनीकी संस्थान हैं, और यदि ये संस्थान मिलकर काम करें, तो प्रदेश को एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च हब बनाया जा सकता है।
एनआरएफ के साइंटिस्ट डॉ प्रमोद प्रसाद ने दी जानकारी
इस मौके पर नवगठित राष्ट्रीय अनुसन्धान फाउंडेशन (ANRF) के वैज्ञानिक डॉ प्रमोद प्रसाद ने फरवरी 2024 में गठित इस संस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने एनआरएफ के रिसर्च फंडिंग, मिशन मोड प्रोग्राम्स, पार्टनरशिप रिसर्च और ट्रांसलेशनल रिसर्च जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की और बताया कि कैसे यह एजेंसी इनोवेशन के क्षेत्र में कार्य कर रही है।

वाईस चांसलर प्रो. डॉ. प्रीती कोठियाल का संदेश
वेलिडेक्टरी सेरेमनी में DBUU की वाईस चांसलर, प्रोफेसर डॉ. प्रीती कोठियाल ने कांफ्रेंस की रिपोर्ट पेश की और आयोजन समिति को इस पहले फार्मेसी कांफ्रेंस के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कांफ्रेंस से फार्मेसी क्षेत्र की जटिल समस्याओं के समाधान निकलेंगे।
प्रस्तुतियाँ और शोध
कांफ्रेंस के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। क्रोएशिया से आई फार्मा एक्सपर्ट, मिस अरिज़ना मेस्ट्रोविक ने डिजिटल फार्मेसी सेवाओं पर एक प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें टेली मेडिसिन, स्मार्ट पेशेंट फॉलो अप और डिजिटल फार्मेसी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने एआई और चैट जीपीटी जैसे जनरेटिव टूल्स के इस्तेमाल के बारे में भी बताया।
इसी सत्र में, डॉ पंकज बेक्टर ने सस्टेनेबल प्रोक्योरमेंट और ग्लोबल वार्मिंग में हेल्थ सेक्टर के योगदान पर बात की, जबकि प्रोफेसर डॉ गुलशन बंसल ने सूचना प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य देखभाल पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कांफ्रेंस के दूसरे दिन के महत्वपूर्ण सत्र
कांफ्रेंस के दूसरे दिन जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी के डॉ सईद अहमद, डॉ संजीव वार्ष्णेय, डॉ अतुल नासा, गीतांजलि बेक्टर, श्री पंकज गुप्ता और अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने-अपने विषयों पर महत्वपूर्ण प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रस्तुतियों में फार्मेसी, स्वास्थ्य देखभाल, और औद्योगिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई।
इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस ने फार्मेसी और इनोवेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण संवाद की शुरुआत की है और यह निश्चित ही आगामी समय में उत्तराखण्ड को एक प्रमुख अनुसंधान हब के रूप में स्थापित करने में सहायक साबित होगा।