
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण किया। सरकार इसे जनहित में एक बड़ा कदम बता रही है। लेकिन, इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
मुस्लिम संगठनों ने जताया असहमति
देहरादून में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर मुस्लिम संगठन विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सरकार पर यूसीसी को जबरन थोपने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने इसे असंवैधानिक बताते हुए विरोध दर्ज कराया और जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।
काज़ी ने क्या कहा?
शहर काज़ी मोहम्मद अहमद कासमी ने इस कदम को समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताते हुए कहा, “यूसीसी असंवैधानिक है और इसे जबरदस्ती लागू किया जा रहा है। सरकार को सभी समुदायों से विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए।”
सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को राज्य के हित में बताते हुए कहा कि यह कदम समाज में समानता और एकता को बढ़ावा देगा। उनके अनुसार, यूसीसी का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना है।
समाज में बढ़ी बहस
यूसीसी लागू होने के साथ ही प्रदेश में बहस तेज हो गई है। जहां कुछ लोग इसे समाज सुधार की दिशा में बड़ा कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार दे रहे हैं।