उत्तराखंड में मादक पदार्थों पर रोक लगाने के लिए सचिव शैलेश बगौली ने की अहम समीक्षा बैठक
उत्तराखंड राज्य को नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य से सचिवालय में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता गृह सचिव शैलेश बगौली ने की। इस बैठक में उत्तराखंड में मादक पदार्थों के कारोबार पर लगाम लगाने और नशा मुक्ति केंद्रों की स्थिति की निगरानी के उपायों पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान सचिव ने समाज कल्याण विभाग को राज्य स्तर पर नोडल विभाग के रूप में नामित करने का निर्णय लिया। पुलिस और फूड सेफ्टी विभाग को भी मादक पदार्थों के खिलाफ सख्त प्रवर्तन कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया। साथ ही, नशा मुक्ति केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
नशा मुक्ति केंद्रों पर सख्ती
सचिव शैलेश बगौली ने राज्य में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (SMHA) के तहत अनिवार्य पंजीकरण कराने की कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई केंद्र निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीकरण नहीं कराता, तो उसे तुरंत बंद कर दिया जाएगा।
सचिव ने कहा कि सभी नशा मुक्ति केंद्रों की नियमित जांच के लिए प्रत्येक जिले में जांच समिति गठित की जाए, ताकि इन केंद्रों का निरीक्षण किया जा सके। इसके अतिरिक्त, राज्य के समस्त जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षित मानसिक चिकित्सकों की तैनाती भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
नशा मुक्ति नीति पर ध्यान
बैठक में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के ढांचे को मजबूत करने और राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति तैयार करने पर भी चर्चा की गई। सचिव ने अधिकारियों को जल्दी से इस नीति को तैयार करने का निर्देश दिया।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस बैठक में सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल, विशेष गृह सचिव रिद्धिमा अग्रवाल, अपर सचिव प्रकाश चंद्र आर्य, अपूर्वा पांडेय, एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह, संयुक्त निदेशक SMHA सुमित देव, उपसचिव जसविंदर कौर और डॉ. सुधीर कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।