
देहरादून, 04 मार्च 2025: प्रदेश को वर्ष 2025 तक एनीमिया एवं टीबी मुक्त बनाने के लिए एक सघन जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में विद्यालयी शिक्षा से लेकर महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
प्रदेश के विद्यालयी एवं उच्च शिक्षा मंत्री, डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर उच्च और विद्यालयी शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक की। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दोनों विभाग प्रदेशभर में एनीमिया और टीबी मुक्त भारत अभियान में सक्रिय रूप से अपनी सहभागिता निभाएंगे।
डॉ. रावत ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षक और शिक्षा विभाग के अधिकारी नि-क्षय मित्र बनकर एक-एक टीबी मरीज को गोद लेंगे और एक साल तक उनके उपचार में सहयोग करेंगे। इसके अलावा, एनीमिया को जड़ से मिटाने के लिए विद्यालयों और महाविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
अभियान के तहत, विद्यालय और महाविद्यालय स्तर पर गोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा कुपोषण से होने वाले एनीमिया को समाप्त करने के तरीके सुझाए जाएंगे। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग और अन्य सामाजिक संगठनों के सहयोग से छात्र-छात्राओं में टीबी और एनीमिया की जांच की जाएगी ताकि 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त और एनीमिया मुक्त राज्य बनाया जा सके।
कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि राज्य में पहले से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत टीबी मुक्त अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है, जिसके तहत विभिन्न संस्थाओं, विभागों और लोगों द्वारा करीब 14 हजार टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है। इन मरीजों में से अधिकांश स्वस्थ हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश के 5 हजार गांवों को टीबी मुक्त किया जा चुका है, जो कि एक रिकॉर्ड है।
डॉ. रावत ने उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों और विद्यालयी शिक्षा के अधिकारियों से अपील की कि वे इस सामाजिक कार्य में स्वैच्छिक रूप से भाग लें और प्रदेश को एनीमिया और टीबी मुक्त बनाने के प्रयास में योगदान दें।
बैठक में उच्च शिक्षा सचिव रणजीत सिन्हा, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अंजू अग्रवाल, सलाहकार रूसा प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, प्रभारी निदेशक बेसिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, प्रभारी निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल सती, उप सचिव उच्च शिक्षा ब्योमकेश दुबे, अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।