
देहरादून, 07 मार्च, 2025 (सू.वि.) – उत्तराखंड के भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने में देहरादून जिला प्रशासन अपनी पूरी ताकत लगा रहा है। जिलाधिकारी सविन बसंल के निर्देशन में इस दिशा में लगातार कार्यवाही चल रही है।
आजकल शहर के विभिन्न इलाकों से भिक्षावृत्ति और कूड़ा बीनने में लिप्त बच्चों को बचाने की मुहिम को तेज कर दिया गया है। हाल ही में केशव पूरीबस्ती डोईवाला और लक्ष्मण सिद्ध मंदिर से देहरादून की भिक्षावृत्ति रेस्क्यू टीम ने दो बालकों और एक बालिका को रेस्क्यू किया। बच्चों की मेडिकल जांच और जीडी रिपोर्ट तैयार की गई, जिसके बाद इन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बालिका को राजकीय शिशु सदन में और दोनों बच्चों को समर्पण (खुला आश्रय) में भेजा गया।
सितंबर 2024 से अब तक लगभग 200 बच्चों को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किया जा चुका है। इसके लिए एक डेडिकेटेड वाहन भी शहरभर में पैट्रोलिंग कर बच्चों को रेस्क्यू कर रहा है। इसके अतिरिक्त, चौराहों पर 12 होमगार्ड भी इस कार्य में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं, जो भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को पकड़कर उन्हें बचाते हैं।
रेस्क्यू किए गए बच्चों को अब एक आधुनिक इंटेंसिव केयर शैल्टर में रखा जा रहा है, जहां उन्हें शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। यह पहल बच्चों को मुख्यधारा में लाकर उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
यह पहल देहरादून जिला प्रशासन द्वारा बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने और उन्हें एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य देने के लिए की जा रही है, जिससे समाज में बदलाव लाया जा सके।