
देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो डिजिटल अरेस्ट स्कैम के तहत लोगों से लाखों रुपये ठग रहे थे। एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने झारखंड के पलामू जिले से इस स्कैम के मुख्य आरोपी दीपक कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया।
यह मामला तब सामने आया जब जी.एम.एस. रोड, देहरादून के निवासी एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसे साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम का शिकार बना लिया। ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई के अधिकारी बताकर पीड़ित को धमकाया और 24 घंटे तक उसे वीडियो और ऑडियो कॉल के जरिए गिरफ्तार करने की धमकी दी। उन्हें डराया कि यदि वह सहयोग नहीं करते तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। इस डर के कारण पीड़ित ने अपनी पूरी कमाई, 32 लाख 31 हजार 798 रुपये, इन ठगों के बताए गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी।
एसटीएफ की पुलिस टीम ने मामले की गहराई से जांच की और पाया कि इस धोखाधड़ी में प्रयुक्त बैंक खाते तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में भी सक्रिय थे, जहां से संबंधित शिकायतें भी दर्ज की गई थीं। इसके बाद, तकनीकी विश्लेषण और साक्ष्यों के आधार पर मुख्य आरोपी दीपक कुमार वर्मा की पहचान की गई और उसे झारखंड से गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास से धोखाधड़ी में उपयोग किए गए बैंक खाते के एसएमएस अलर्ट, दो मोबाइल फोन, चेकबुक और आधार कार्ड बरामद किए गए।
अपराध का तरीका:
यह डिजिटल हाउस अरेस्ट स्कैम एक ऐसी धोखाधड़ी है, जिसमें अपराधी फर्जी तरीके से खुद को पुलिस, सीबीआई, या अन्य सरकारी अधिकारी बताकर पीड़ितों से पैसे ऐंठते हैं। वे फोन या वीडियो कॉल के जरिए पीड़ितों को डराते हैं, उनसे अवैध सामग्री या पैसे की मांग करते हैं, और फिर उन्हें धोखा देकर उनके बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं।
गिरफ्तार अभियुक्त:
- दीपक कुमार वर्मा पुत्र नरेश प्रसाद, निवासी आजादनगर सूदना, डाल्टगंज, पलामू, झारखंड, उम्र 39 वर्ष।
गिरफ्तारी का स्थान:
आजादनगर सूदना, डाल्टगंज शहर, जिला पलामू, झारखंड।
बरामदगी:
- वादी के साथ धोखाधड़ी में प्रयुक्त बैंक खाते के एसएमएस अलर्ट नं0
- 02 मोबाइल फोन
- संबंधित चेकबुक
- आधार कार्ड
गिरफ्तारी पुलिस टीम:
- निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला
- उप निरीक्षक कुलदीप टम्टा
- कॉन्स्टेबल पवन पुण्डीर
- कॉन्स्टेबल केतन बिष्ट
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ की अपील:
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम से बचें। यदि कोई व्यक्ति खुद को सीबीआई, मुंबई क्राइम ब्रांच, या अन्य सरकारी अधिकारी बताकर आपको धोखा देने का प्रयास करता है, तो इस संबंध में तुरंत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन या एसटीएफ में शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा, अगर आप किसी ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हो जाएं, तो तत्काल 1930 साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर संपर्क करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।