देहरादून:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित ‘चुनौतियां और समाधान’ संगोष्ठी में भाग लिया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श करना था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों और नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल के महत्व पर बल दिया।
सीएम धामी ने कहा, “इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय ही प्रदेश के समग्र विकास की कुंजी है। हमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सभी पहलुओं पर काम करना होगा, और इसी दिशा में उत्तराखंड सरकार निरंतर प्रयासरत है।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए भविष्य में और भी कई योजनाएं लागू की जाएंगी।
इस संगोष्ठी में जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए। इसके साथ ही, प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और उससे निपटने के उपायों पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव केवल पर्यावरण पर ही नहीं, बल्कि हमारी आर्थिक स्थिति, कृषि, और जीवन की गुणवत्ता पर भी पड़ रहा है। इसलिए इसे गंभीरता से लेकर तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
संगोष्ठी में भाग लेने वाले विशेषज्ञों और नेताओं ने इस दिशा में राज्य सरकार की पहल को सराहा और इसे अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बताया।