उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य में मातृभाषा को बढ़ावा देने और संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्णय लिया है कि अब से राज्य सरकार के नोटिफिकेशन, गजट, शिलान्यास और उद्घाटन के दौरान मातृभाषा का इस्तेमाल किया जाएगा। इस पहल के तहत सरकारी दस्तावेजों में विक्रम संवत और हिंदी महीनों का उल्लेख किया जाएगा, जिससे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि यह कदम राज्य की संस्कृति और मातृभाषा को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से न केवल प्रदेश की लोक संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे आम जनता को भी अपनी मातृभाषा के महत्व का एहसास होगा।
भा.ज.पा. के प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह सरकार की निरंतर संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य की सांस्कृतिक धारा और मजबूत होगी, और लोगों में अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूकता आएगी।
यह कदम राज्य सरकार के मातृभाषा और संस्कृति के संरक्षण को लेकर किए गए कई अन्य प्रयासों का हिस्सा है, जिससे राज्य के नागरिकों को अपनी सांस्कृतिक पहचान से जोड़ने में मदद मिलेगी।