देहरादून: कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल ने राज्य के संसदीय कार्य मंत्री के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। यशपाल आर्य ने कहा कि मंत्री के बयान से प्रदेश की जनता आहत हुई है और विधानसभा अध्यक्ष को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए था।
यशपाल आर्य ने क्या कहा?
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों ने जेलों में अत्याचार सहे, लेकिन मंत्री का यह बयान राज्य के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला था। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक है, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री का बयान बिना किसी रोक-टोक के विधानसभा में रखा गया। यह सही नहीं था और विधानसभा अध्यक्ष को इस पर उचित ध्यान देना चाहिए था।
संसदीय कार्य मंत्री के बयान पर सवाल
आर्य ने कहा कि मंत्री के बयान को सदन की कार्यवाही से बाहर नहीं निकाला गया, जो कि एक गंभीर मामला है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अपेक्षाएं जताई कि ऐसे बयानों के मामले में कार्रवाई होनी चाहिए थी और शब्दों को वापस लिया जाना चाहिए था।
कांग्रेस का रुख
गोविंद कुंजवाल ने इस मुद्दे पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अपने मूल्यों को बनाए रखा है और जब सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ कार्य मंत्रणा समिति से इस्तीफा देना पड़ा, तब यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को इस मुद्दे पर मंत्री को हिदायत देने के बजाय इसे नजरअंदाज कर दिया, जो कि उचित नहीं था।
राजनीतिक बयानबाजी
इसके अलावा, यशपाल आर्य ने यह भी सवाल उठाया कि विधानसभा अध्यक्ष को अन्य राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में क्यों शामिल होना चाहिए, यह भी एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
इस प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेताओं ने राज्य की राजनीति में हो रही अनियमितताओं और संवैधानिक पदों की गरिमा पर गंभीर सवाल उठाए।