प्रदेश में बढ़ती गर्मी के साथ वनाग्नि की घटनाओं में वृद्धि की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड वन विभाग ने वनाग्नि से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को पूरा कर लिया है। वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ने वनाग्नि के नियंत्रण और निगरानी के लिए एक Integrated Command & Control Centre (ICCC) स्थापित किया है।
इसके अलावा, वन विभाग ने वनाग्नि के बारे में आम जनता को जागरूक करने और सक्रिय रूप से प्रभावी कदम उठाने के लिए एक Forest Fire Uttarakhand मोबाइल ऐप भी विकसित किया है। इस ऐप में अब तक 7,000 से अधिक कर्मचारियों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है, जो इस अभियान को सफल बनाने में सहायक बनेंगे।
डॉ. धनंजय मोहन ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से वनाग्नि की घटनाओं की निगरानी और नियंत्रण करना आसान होगा। साथ ही, इस एप का इस्तेमाल लोक सेवाओं को सूचना देने, घटनाओं को ट्रैक करने और आग से प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत कार्रवाई करने के लिए किया जाएगा।
इसके साथ ही, वन विभाग ने कई अन्य कदम भी उठाए हैं, जिनसे जंगलों में आग की घटनाओं पर काबू पाया जा सके। जागरूकता अभियान के तहत, विभाग ने वनाग्नि से निपटने के लिए स्थानीय समुदायों, वन रक्षकों और पर्यावरण प्रेमियों को सक्रिय रूप से शामिल किया है, ताकि वनाग्नि के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके और आग के खतरे से बचा जा सके।
आगे की राह:
वन विभाग की यह पहल प्रदेश के जंगलों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगी और जंगलों में होने वाली आग की घटनाओं को रोकने में मदद करेगी। विभाग की तैयारियों से यह स्पष्ट है कि आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए सभी कदम समय रहते उठाए गए हैं।