
देहरादून।
देहरादून स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मेन ब्रांच में एक व्यवसायी के साथ बैंक मैनेजर द्वारा अभद्र व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया है। देश की जानीमानी कंस्ट्रक्शन कंपनी “शर्मा कंस्ट्रक्शन” के मालिक बैंक में अपने एक परिचित युवक के करंट अकाउंट को लेकर पहुंचे थे, लेकिन वहां उन्हें असम्मानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, एक उत्तराखंडी युवक पिछले दो दिनों से यूनियन बैंक में करंट अकाउंट खुलवाने की कोशिश कर रहा था लेकिन बार-बार चक्कर कटवाए जा रहे थे। इस पर शर्मा कंस्ट्रक्शन के मालिक स्वयं उक्त युवक के साथ बैंक पहुंचे और खाता न खुलने का कारण पूछा। बैंक मैनेजर ने युवक का सिविल स्कोर कम होने को कारण बताया।
जब व्यवसायी ने सवाल किया कि सिविल स्कोर का नए करंट अकाउंट खोलने से क्या लेना-देना है, तो मैनेजर ने नाराजगी जताते हुए उन्हें ऑफिस से बाहर निकल जाने को कह दिया। इस पर वे बिना कोई प्रतिक्रिया दिए चुपचाप बाहर चले गए।
मामले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि युवक के नाम से “पहाड़ी ऑर्गेनिकस” नामक एक नई फर्म का पंजीकरण कराया गया है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड में स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। इस स्टार्टअप में करीब एक करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, और शुरुआत में ही 10 लाख रुपये की पूंजी लगाई जानी थी। जीएसटी नंबर भी प्राप्त किया जा चुका है, लेकिन बैंक द्वारा खाता न खोलने से पूरी प्रक्रिया अटक गई है।
इस घटना के बाद बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या यदि किसी व्यक्ति का सिविल स्कोर कम हो, तो उसे दोबारा व्यवसाय शुरू कर अपने स्कोर को सुधारने का अधिकार नहीं है?
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया देश के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक है, जो 120 मिलियन से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है। इस घटना ने बैंक की ग्राहक सेवा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब तक बैंक की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। लोगों ने बैंक प्रबंधन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है और प्रभावितों को न्याय देने की अपील की है।