
देहरादून, 12 जून 2025*— उत्तराखंड में कृषि विभाग के टेंडर घोटाले ने प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। ‘एग्री मित्र उत्तराखंड 2025’ नामक कृषि मेला, जो 14 जून से गढ़ी कैंट स्थित महिंद्रा ग्राउंड में शुरू होने वाला था, भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद रद्द कर दिया गया है।
इस पूरे मामले को उजागर करने में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार और उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान की अहम भूमिका रही। उन्होंने 11 जून की रात मौके पर जाकर कृषि विभाग द्वारा जारी टेंडर प्रक्रिया की पोल खोल दी।
पहले टेंडर, फिर काम? नहीं! पहले से सब फिक्स!
सूत्रों के अनुसार, कृषि विभाग द्वारा इस मेले के लिए टेंडर 11 जून की रात 9:30 बजे खोलने की बात कही गई थी, लेकिन मैदान में 9 जून से ही बड़े पैमाने पर काम शुरू कर दिया गया था। इस घटनाक्रम ने टेंडर प्रक्रिया की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
11 जून की शाम जब बॉबी पंवार और त्रिभुवन चौहान मैदान पर पहुंचे, तो पाया कि भारी मशीनरी, निर्माण सामग्री और श्रमिक पहले से कार्य में लगे हुए थे। जैसे ही ठेकेदार पक्ष को उनके पहुंचने की जानकारी मिली, तत्काल काम रुकवा दिया गया और अधिकांश सामग्री रातोंरात हटाई गई।
मंत्री के क्षेत्र में फिक्स टेंडर?
यह मेला कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के विधानसभा क्षेत्र में आयोजित हो रहा था और टेंडर खुलने से पहले कार्य प्रारंभ होना इस बात की ओर इशारा करता है कि यह टेंडर पहले से तयशुदा था। खास बात यह है कि यह कार्य
सहारनपुर के एक ठेकेदार को दिया गया, जिससे सरकार की “स्थानीयों को प्राथमिकता” नीति पर भी सवाल उठने लगे हैं।
पुलिस को भी हटाया गया पीछे
बॉबी पंवार और त्रिभुवन चौहान ने गढ़ी कैंट थाने में पत्र देकर मैदान से सामग्री जब्त करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए कोई कार्रवाई नहीं की।
“यह सिर्फ एक टेंडर नहीं, पूरे सिस्टम की बीमारी है”
त्रिभुवन चौहान ने कहा, “यह महज एक ठेके की बात नहीं है, बल्कि उत्तराखंड में व्याप्त सिस्टमेटिक करप्शन का नमूना है। यह घोटाला दिखाता है कि कैसे योजनाएं पहले से तय ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए गढ़ी जाती हैं।”

बॉबी पंवार ने कहा, “यह मेला किसानों के लिए वरदान बन सकता था, लेकिन भ्रष्टाचार ने इसे निगल लिया। सरकार ने एक बार फिर पारदर्शिता की बात को मज़ाक बना दिया है। हम इस पूरे प्रकरण को माननीय उच्च न्यायालय में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।”
रद्द हुआ मेला, उजागर हुआ सच
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उद्घाटित होने वाले इस मेले को विवादों के बाद सरकार को आनन-फानन में रद्द करना पड़ा।
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस मामले को अंत तक लड़ेगा और दोषियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचाया जाएगा।
