
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए अब उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने एक भावनात्मक और सशक्त अभियान शुरू किया है। इस अभियान का नाम ‘अंकिता की राखी’ रखा गया है, जिसके तहत पूरे राज्य में लोगों को राखियाँ भेजी जाएंगी। इन राखियों के साथ एक मार्मिक पत्र भी होगा, जो न्याय, सरकार और समाज से अधूरा न्याय पूरा करने की गुहार लगाएगा।
प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि यह केवल एक बेटी की बात नहीं है, बल्कि पूरे उत्तराखंड की अस्मिता का सवाल है। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की बेटियों की अस्मिता से खेलने वालों को सज़ा मिलनी ही चाहिए, लेकिन अगर न्याय अधूरा रह जाए तो समाज का विश्वास भी दरकता है। इस बार हम राखी के धागे में एक बहन की पीड़ा, उसका प्रश्न और उसकी उम्मीदें बांधकर पूरे उत्तराखंड को भेजेंगे।”
इस मौके पर उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान ने कहा कि कोटद्वार की अदालत ने तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है, लेकिन जनता अभी भी यह सवाल कर रही है कि असली VIP कौन था और सबूतों से छेड़छाड़ किसने की। उन्होंने जनता से अपील की कि अगर उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है, तो वे ‘अंकिता की राखी’ को अपना समर्थन दें।
संगठन के महासचिव मोहित डिमरी ने बताया कि यह मुहिम अगस्त महीने में पूरे राज्य में शुरू की जाएगी। प्रेस वार्ता के दौरान पार्षद अंबिका चौहान ने बॉबी पंवार को राखी बांधकर अभियान की प्रतीकात्मक शुरुआत की। इस मौके पर कर्नल कैलाश देवरानी सहित कई जिलों के अध्यक्ष भी मौजूद रहे।
मोर्चा का मानना है कि न्याय केवल सज़ा देने से पूरा नहीं होता, बल्कि सच्चाई के हर पहलू को उजागर करना भी न्याय का हिस्सा है। ‘अंकिता की राखी’ को सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि न्याय की एक नई चेतना और क्रांति का बीज बताया गया है।