
देहरादून/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के संरक्षण और जीर्णोद्धार का कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने इस कार्य के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की से संपर्क किया है।
बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि समिति मंदिर के संरक्षण और रखरखाव के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि सीबीआरआई, जो कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) दिल्ली का एक हिस्सा है, तुंगनाथ मंदिर के निर्माण और विकास के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है। इसके साथ ही, संस्थान तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा।
इससे पहले भी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के साथ-साथ सीबीआरआई की टीम मंदिर क्षेत्र का दौरा कर चुकी है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि पिछले महीने ही बीकेटीसी ने सीबीआरआई को तुंगनाथ मंदिर के रखरखाव और संरक्षण के लिए निरीक्षण रिपोर्ट और आवश्यक उपायों की रूपरेखा भेजकर डीपीआर तैयार करने का अनुरोध किया था, जिस पर अब काम चल रहा है। इस परियोजना में सीबीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोजीत सामंत, डॉ. देबदत्त घोष और निदेशक प्रो. आर. प्रदीप कुमार समेत एक विशेषज्ञ टीम शामिल है।
समुद्र तल से 12,074 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के कारण लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। बीकेटीसी का यह प्रयास मंदिर की संरचना को सुरक्षित रखने और इसे भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।