कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि हाल की उत्तरकाशी आपदा ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी भूकंप ने उत्तरकाशी को दहला दिया था और अब टिहरी डेम भी भविष्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।
रावत ने आपदा राहत और प्रबंधन पर सरकार को घेरते हुए कहा कि आपदा में दी जा रही सहायता राशि बेहद कम है। उन्होंने कहा कि मृत्यु पर 4 लाख और गंभीर रूप से घायल को 74 हजार की राशि किसी भी तरह से पर्याप्त नहीं है। उनका कहना था कि आपदा में घायल किसी भी व्यक्ति का इलाज निशुल्क होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय आपदा प्रबंधन 100% केंद्र पोषित था, जबकि वर्तमान में यह 90% केंद्र और 10% राज्य पोषित है। पहाड़ी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इसे फिर से पूरी तरह केंद्र पोषित (100%) किया जाना चाहिए।
हरक सिंह रावत ने सड़क निर्माण में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर बल दिया और कहा कि उन्होंने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आपदा प्रबंधन केंद्र को जिला स्तर तक पहुंचाया था, लेकिन अब वे केंद्र सक्रिय नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि आपदा प्रबंधन इकाइयों का गठन तहसील स्तर पर किया जाए और विभाग को महत्वपूर्ण विभाग घोषित किया जाए।
उन्होंने कहा कि 1000 करोड़ की मदद प्रदेश की आपदाओं से निपटने के लिए नाकाफी है और इसे कम से कम 4000 करोड़ किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान गाइडलाइन में कमर्शियल बिल्डिंग्स को कवर नहीं किया गया है, जिससे होटल, दुकान और रेस्टोरेंट मालिकों को कोई भरपाई नहीं मिल रही है।