
देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन, कानून व्यवस्था, पर्यटन, पुनर्निर्माण कार्यों और जनसुविधाओं से संबंधित व्यापक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जनता को त्वरित राहत, सुरक्षा और सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात समाप्त होते ही प्रशासनिक मशीनरी एक्टिव मोड में आकर पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्य तेज करे। राहत सामग्री और ड्राई राशन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आपदा प्रभावितों के ठहरने, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाओं में किसी तरह की कमी न हो। फसलों, पेयजल लाइन और सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान का त्वरित आकलन कर शासन को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था में बाधा डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और चेकिंग बढ़ाई जाए। अनधिकृत आधार कार्ड, वोटर आईडी और कनेक्शन जारी करने वालों पर नियमित कार्रवाई हो। गौवंश संरक्षण के लिए भी प्रभावी कदम उठाने को कहा गया।
मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा को लेकर विशेष रूप से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। श्रद्धालुओं को खराब मौसम की जानकारी समय पर देने और यात्रा को सुरक्षित एवं सुचारु बनाए रखने पर जोर दिया।
स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने जिलाधिकारियों को अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करने और डेंगू, मलेरिया जैसे जलजनित रोगों से बचाव के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत स्वच्छता और जनसुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रत्येक सप्ताह एक दिन स्वच्छता अभियान में जिलाधिकारी स्वयं भाग लें। क्षतिग्रस्त सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने और हेल्पलाइन 1905 व एंटी करप्शन कैंपेन 1064 की कार्यवाही को और प्रभावी बनाने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।