
देहरादून 27 सितंबर 2025: नवाचार, प्रौद्योगिकी और विशिष्टता के अनूठे उत्सव के रूप में, तुलाज़ इंस्टीट्यूट के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग ने 26 और 27 सितंबर को अपने कंप्यूटर सेंटर में दो दिवसीय मेगा हैकाथॉन “हैक द फ्यूचर 2.0” का सफलतापूर्वक आयोजन किया। “कोड – क्रिएट – चेंज” की थीम पर आधारित इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ‘फ्यूचरटेक फॉर इम्पैक्ट: इनोवेटिंग सस्टेनेबिलिटी, सिक्योरिटी एंड सोसाइटी’ (प्रभाव के लिए फ्यूचरटेक: सततता, सुरक्षा और समाज में नवाचार) को बढ़ावा देना था।
प्रेरणादायक उद्घाटन और छात्र भागीदारी
कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह संस्थान के प्रबंधन, शिक्षाविदों और छात्रों की बड़ी उपस्थिति में हुआ। मुख्य अतिथि, अध्यापक शशि बहुगुणा रतुरी, ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों को धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ बड़े दृष्टिकोण और पैमाने पर काम करने और शॉर्टकट से बचते हुए सफलता हासिल करने की प्रेरणा दी।
हैकाथॉन में विद्यार्थियों ने 30 से अधिक समस्या विवरणों पर काम किया और 20 से अधिक प्रोटोटाइप प्रस्तुत किए। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में कुल ₹2.4 लाख से अधिक के पुरस्कार वितरित किए गए। इस इवेंट को अनस्टॉप द्वारा संचालित किया गया, जिसमें AWaDH IIT रोपड़-TIF टेक्नोलॉजी पार्टनर और .xyz डोमेन पार्टनर रहे।
समापन समारोह और विजेताओं का सम्मान
समापन समारोह में प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इस अवसर पर तुलाज़ ग्रुप के वाइस जनरल बालाजी जैन और वाइस प्रेसिडेंट टेक्नोलॉजी डॉ. राघ गर्ग ने विजेता टीमों को ट्रॉफी और नकद पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने अपने प्रेरक संदेश से छात्रों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें सतत नवाचार की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का संयोजन डॉ. संदीप कुमार ने किया, जबकि सह-संयोजक सौरभ सिंह और डॉ. रितु पाल रहे। छात्र समन्वयक की भूमिका में अभिषेक मौर्य ने योगदान दिया। संस्थान के संपूर्ण प्रबंधन और स्टाफ ने इस अवसर पर छात्रों के प्रयासों की सराहना की और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
“हैक द फ्यूचर 2.0” ने यह सिद्ध कर दिया है कि यह मात्र एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के लिए अपने विचारों को प्रभावशाली तकनीकी समाधानों में बदलने का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह आयोजन पूरी तरह से “कोड – क्रिएट – चेंज” की भावना को साकार करता है।


