
देहरादून।
पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड में आज उत्तरी क्षेत्र पुलिस समन्वय समिति (Northern Region Police Coordination Committee – NRPCC) की 12वीं बैठक का सफल आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड श्री दीपम सेठ ने की।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य उत्तरी क्षेत्र के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच पुलिस समन्वय को सुदृढ़ बनाना, सुरक्षा से जुड़ी नई चुनौतियों पर संयुक्त रणनीति तैयार करना और आधुनिक पुलिसिंग के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना था।
डीजीपी श्री दीपम सेठ ने बताया कि NRPCC की स्थापना वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप की गई थी, जिसका उद्देश्य राज्यों के बीच सहयोग के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाना है। समिति में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, दिल्ली और चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुख शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “इस बैठक से मिले सुझाव न केवल व्यावहारिक हैं, बल्कि उत्तरी भारत में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने में मील का पत्थर सिद्ध होंगे।”
बैठक में ड्रग्स की तस्करी, साइबर अपराध, सोशल मीडिया दुष्प्रचार, रेलवे सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, भारत-नेपाल सीमा सुरक्षा और पर्यटक पुलिसिंग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्य प्रस्तुतिकरण और विषय-वस्तु:
- श्री शत्रुजीत कपूर, डीजीपी हरियाणा: Cyber Crime – Latest Strategies & Trends
- श्री प्रकाश डी, महानिदेशक, रेलवेज उत्तर प्रदेश: Securing Railway Infrastructure: Concerns & Challenges
- श्री देवेश श्रीवास्तव, विशेष आयुक्त, दिल्ली पुलिस: Social Media Disinformation & Law and Order
- श्री एस.डी. सिंह जम्वाल, डीजीपी लद्दाख: Tourist Police: Helping Visitors for a True Ladakh Experience
- श्री नीलाभ किशोर, एडीजी पंजाब: Drugs of Concern: Future Strategies for Effective Enforcement
- श्री नावेद, एसएसपी, जम्मू-कश्मीर: Weaponising Narratives
- श्री अर्जित सेन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक SDRF, हिमाचल प्रदेश: Extreme Weather Events & Disaster Preparedness
- श्री मंजूनाथ टी.सी., एसपी सुरक्षा, उत्तराखण्ड: Managing Indo-Nepal Border: Security Concerns & Challenges

मुख्य बिंदु:
बैठक के दौरान वक्ताओं ने नई चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीकी सहयोग, क्षमता निर्माण और साझा डाटा तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उत्तराखण्ड की ओर से श्री मंजूनाथ टी.सी. ने भारत–नेपाल सीमा की विशिष्ट परिस्थितियों और सुरक्षा चुनौतियों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण देते हुए स्थानीय जनसहभागिता एवं आधुनिक निगरानी प्रणालियों के उपयोग की अनुशंसा की।
आपदा प्रबंधन के संदर्भ में, हालिया बादल फटने और फ्लैश फ्लड्स जैसी घटनाओं के मद्देनजर पुलिस बलों की तत्परता और आपसी समन्वय को और सुदृढ़ करने पर भी विशेष चर्चा हुई।


