देहरादून, 6 नवंबर 2025:
उत्तराखंड में प्रारंभिक शिक्षा भर्ती विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। डायट D.El.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मांगों पर बातचीत के दौरान प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल पर एक महिला पत्रकार से मारपीट और बदसलूकी का गंभीर आरोप लगा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे प्रदेश में नाराजगी फैल गई है।
घटना गुरुवार सुबह शिक्षा निदेशालय परिसर में घटी, जब राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में अभिभावकों का एक प्रतिनिधिमंडल निदेशक से मिला। अभिभावक वर्तमान बैच के D.El.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को आगामी शिक्षक भर्ती में शामिल करने की मांग कर रहे थे।
सेमवाल ने कहा, “डायट से प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी प्राइवेट D.El.Ed से हर मायने में बेहतर हैं। केवल कुछ दिनों के अंतर पर अगर भर्ती विज्ञप्ति जारी हो जाए, तो इन अभ्यर्थियों को भी अवसर मिल सकता है।”
उन्होंने आगे बताया कि शिक्षा मंत्री से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन वे प्रदेश से बाहर हैं। इसके बाद सेमवाल ने शिक्षा सचिव रविनाथ रमन से फोन पर बात कर समान मांग दोहराई।
पत्रकार पर कथित हमला — वीडियो वायरल
इस दौरान उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट की एडिटर सीमा रावत कवरेज के लिए मौके पर मौजूद थीं। बहस बढ़ने पर उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की, जिस पर निदेशक नौडियाल कथित रूप से नाराज हो गए।
रावत का आरोप है कि निदेशक ने उनका मोबाइल छीन लिया और हाथ उठाया, जिससे हंगामा मच गया। घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसमें अभिभावक भी निदेशक पर हाथापाई का आरोप लगाते दिख रहे हैं।
सीमा रावत ने कहा, “मैं सिर्फ अभिभावकों की आवाज रिकॉर्ड कर रही थी। अचानक निदेशक ने हमला कर दिया। यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है।”
सोशल मीडिया पर गुस्सा और विरोध
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर #JusticeForSeemaRawat और #D.El.EdRecruitment जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
सैकड़ों पत्रकार संगठनों और नागरिकों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए शिक्षा निदेशक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
एक यूजर ने लिखा, “अगर अधिकारी मीडिया से इतना डरने लगे कि पत्रकार पर हाथ उठा दें, तो फिर आम नागरिक की क्या सुरक्षा है?”
मुख्य सवाल जो उठ रहे हैं:
- क्या उत्तराखंड में मीडिया की आजादी खतरे में है?
- महिला पत्रकार के साथ मारपीट के आरोप पर सरकार क्या कदम उठाएगी?
- क्या इस घटना की स्वतंत्र जांच कराई जाएगी?
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
अभिभावक और पार्टी नेता अब शिक्षा मंत्री की वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
इस घटना ने न केवल भर्ती विवाद को नया मोड़ दे दिया है, बल्कि सरकारी अधिकारियों के आचरण पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

