उखीमठ/रूद्रप्रयाग, 18 नवंबर:
द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट आज मंगलवार को मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी स्वाति नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में, ठीक प्रातः 8 बजे, शीतकाल हेतु बंद कर दिए गए। कपाट बंदी के इस अवसर पर साढ़े तीन सौ से अधिक श्रद्धालु, बीकेटीसी (श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति) के कर्मचारी-अधिकारी, वन विभाग और प्रशासन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
समाधि रूप में विराजमान हुए श्री मद्महेश्वर
कपाट बंद होने की प्रक्रिया ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के खुलने के साथ शुरू हुई, जहां श्रद्धालुओं ने अंतिम दर्शन और पूजा-अर्चना की। सुबह 7 बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। पुजारी शिवलिंग ने बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी/कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, बीकेटीसी सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान और पंच गौंडारी हकहकूकधारियों की उपस्थिति में, श्री मद्महेश्वर जी के स्वयंभू शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों और राख से ढककर समाधि रूप प्रदान किया। इसके पश्चात, प्रातः 8 बजे श्री मद्महेश्वर जी के जय घोष के साथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
चलविग्रह डोली का शीतकालीन गद्दीस्थल हेतु प्रस्थान

कपाट बंद होने के तुरंत बाद, श्री मद्महेश्वर जी की चल विग्रह उत्सव डोली ने भंडार का निरीक्षण और मंदिर की परिक्रमा की। इसके उपरांत, देव निशानों और ढ़ोल-दमाऊं की मंगल ध्वनि के साथ डोली ने प्रथम पड़ाव गौंडार हेतु प्रस्थान किया।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि चल विग्रह उत्सव डोली का शीतकालीन यात्रा कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:
- 19 नवंबर (बुधवार): राकेश्वरी मंदिर रांसी में रात्रि प्रवास।
- 20 नवंबर (गुरुवार): गिरिया में रात्रि प्रवास।
- 21 नवंबर (शुक्रवार): शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ आगमन।
श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में डोली के भव्य स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
बाईस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कपाट बंद होने पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और अपील की कि वे शीतकालीन तीर्थस्थलों में दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करें। मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, इस यात्रा वर्ष द्वितीय केदार मद्महेश्वर में बाईस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पंच गौंडारी हकहकूकधारी, और प्रशासन के कई अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

