
देहरादून : उत्तराखंड सरकार लगातार आंदोलन के संकट से गुज़र रही है ,सरकार प्रदेश स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष के कितने ही ढोल पीट ले लेकिन धरातल पर कुछ अलग ही तस्वीर नजर आती है । पहले पेपर प्रकरण से किरकिरी,फिर उपनल कर्मियों का धरना और अब नरसिंग संघ की वर्षवार भर्ती की माँग ।दरअसल उत्तराखंड चिकित्सा आयोग द्वारा नर्सिंग अधिकारियों के 690 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी करी थी जिसका उत्तराखंड नर्सिंग संघ विरोध कर रहा है । शनिवार को देहरादून में प्रेस वार्ता कर उत्तराखंड नर्सिंग संघ भर्ती प्रक्रिया का पुरज़ोर विरोध कर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं । उत्तराखंड नर्सिंग संघ के संरक्ष विजय चौहान ने कहा पहले तो सरकार ने भर्ती लेट निकाली है और वो भी मनमाने तरीके से,चौहान ने कहा सरकार ने पिछली भर्ती 2020 में निकाली थी और भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होते होते 5 वर्ष बीत गए हैं ,उन्होंने आरोप लगाए की भर्ती 12 वर्ष बाद निकली गई जिसमे कई अभ्यर्थियों का दो दो बार चयन हुआ बल्कि बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों का भी चयन हुआ लेकिन प्रदेश के बेरोजगार नर्सिंग अभ्यर्थी रोजगार से वंचित हैं । चौहान ने भर्ती प्रक्रिया का विरोध करते हुए कहा जैसे पूर्व में भर्ती वर्षवार और सीनियोरटी के आधार पर नियुक्ति मिलती थी उसी प्रकार भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराया जाए और अगर सरकार आगामी 25 तारीख तक विज्ञप्ति वापस नहीं लेती है तो उत्तराखंड के बेरोजगार नर्सिंग अधिकारी सड़कों पर आंदोलन कर सरकार के ख़िलाफ़ बिगुल फूँकेंगे ।
चौहान ने बताया प्रदेश में नर्सिंग अधिकारी के लगभग 8 हज़ार पद रिक्त हैं और सरकार अगर पूर्व की भांति वर्षवार भर्ती प्रक्रिया अपनाती है तो प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा सकता है ।
चौहान ने बताया भर्ती प्रक्रिया को लेकर कई दफ़ा शासन और संबंधित मंत्री धनसिंह रावत से मुलाक़ात कर ली है लेकिन सरकार प्रदेश के बेरोज़गार नर्सिंग अधिकारियों को
नौकरियों से वंचित रखना चाहती है ।


