
देहरादून | नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया में किए गए अचानक बदलावों के खिलाफ ‘नर्सिंग एकता मंच’ का आंदोलन अब उग्र रूप लेता जा रहा है। एकता विहार धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरने के दूसरे दिन, शनिवार को प्रदेशभर से जुटे बेरोजगार नर्सिंग अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम खून से पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया।
प्रदर्शनकारी नर्सिंग अधिकारियों ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उनकी मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया, तो सोमवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया जाएगा।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी और भर्ती पोर्टल का विरोध
शनिवार को धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी हुई। नर्सिंग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नवल पुंडीर ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर धरना स्थल (एकता विहार) शहर से दूर निर्धारित किया है ताकि उनकी आवाज शासन तक न पहुंच सके।
पुंडीर ने कड़े शब्दों में कहा:
“लिखित परीक्षा के बाद जारी किए गए पोर्टल को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए और भर्ती प्रक्रिया को पूर्व की भांति ‘वर्षवार’ (Year-wise) आधार पर ही संचालित किया जाए।”
दर्द: “हम कोरोना वॉरियर्स थे, अब हमें ही नकारा जा रहा है”
प्रदर्शन के दौरान कई अभ्यर्थियों का दर्द छलका। देहरादून निवासी विनीता ने भावुक होते हुए बताया कि वह एक सिंगल पैरेंट हैं और पति की मृत्यु के बाद अकेले बच्चों को पाल रही हैं।
विनीता ने कहा:
“कोविड काल में जब लोग घरों में कैद थे, हमने अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी की। कई नर्सें अपने छोटे बच्चों को छोड़कर वार्ड में तैनात रहीं। वर्षों की सेवा के बाद अब हम पर परीक्षा थोपकर हमारी वरिष्ठता छीनना नाइंसाफी है। क्या हमारे त्याग की कोई कीमत नहीं?”
वहीं, बेरोजगार नर्सिंग अधिकारी काजल ने सवाल उठाया कि जब पिछले कई बैच बिना परीक्षा के सीधे नियुक्त हुए हैं, तो केवल वर्तमान बैच पर ही परीक्षा का दबाव क्यों डाला जा रहा है? उन्होंने बताया कि कई महिलाएं अपने दो-दो महीने के शिशुओं को लेकर चिलचिलाती धूप और प्यास में धरने पर बैठने को मजबूर हैं, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है।
नर्सिंग एकता मंच की 5 प्रमुख मांगें
प्रदर्शनकारी नर्सिंग अधिकारियों ने सरकार के समक्ष निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
भर्ती रद्द हो: नर्सिंग भर्ती की वर्तमान विज्ञप्ति को तुरंत रद्द कर भर्ती पोर्टल बंद किया जाए।
वर्षवार नियुक्ति: भर्ती प्रक्रिया को लिखित परीक्षा के बजाय पूर्व की तरह वर्षवार (Year-wise) आधार पर किया जाए।
पदों में वृद्धि: स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में IPHS मानकों के अनुसार 2500+ पदों पर एक साथ विज्ञप्ति जारी हो।
मूल निवासियों को प्राथमिकता: उत्तराखंड के मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाए और बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को अलग रखा जाए।
आयु सीमा में छूट: ओवर-एज हो चुके योग्य अभ्यर्थियों को विशेष आयु-छूट प्रदान की जाए।
शनिवार को हुए इस प्रदर्शन में नवल पुंडीर, विकास पुंडीर, सरिता जोशी, राजेन्द्र कुकरेती, अनिल रमोला और प्रवेश रावत सहित बड़ी संख्या में नर्सिंग अधिकारी मौजूद रहे। अब सभी की निगाहें सोमवार को होने वाले प्रस्तावित कूच पर टिकी हैं।


