नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उत्तराखंड सरकार को ऋषिकेश के पास एक रिसॉर्ट में 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट की हत्या के मामले में जांच के दौरान की गई प्रगति पर एक स्थिति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।

जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने एक पत्रकार और मृतक के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस की जांच में कई खामियां हैं और उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।

पीठ ने उप महाधिवक्ता जतिंदर कुमार सेठी से कहा कि वह मामले की जांच में अब तक की गई प्रगति के बारे में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें।

सेठी ने कहा कि राज्य पुलिस ने मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की है और आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाए हैं।

उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ हत्या, यौन उत्पीड़न और अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।

पीठ ने कहा कि वह स्थिति रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और उसके बाद आगे का फैसला करेगी।

मामले की पृष्ठभूमि

19 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के ऋषिकेश के पास एक रिसॉर्ट में 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी।

आरोप है कि रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों ने उसे रिसॉर्ट में आए एक वीआईपी को ‘अतिरिक्त सेवाएं’ देने के लिए मजबूर करने की कोशिश की थी।

अंकिता ने उनके दबाव को झुकने से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपियों ने उसे मार डाला और उसके शव को एक नहर में फेंक दिया।

मामले में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए और राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ताओं ने अब उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।

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