उत्तराखंड: 10 साहित्यकारों को साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित
देहरादून: उत्तराखंड भाषा संस्थान ने 21 फरवरी को IRDT सभागार, देहरादून में उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह आयोजित किया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। इस अवसर पर 10 साहित्यकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
सम्मानित साहित्यकारों में प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह बिष्ट ‘बटरोही’ (सुमित्रानंदन पंत साहित्य गौरव), डॉ. सुशील उपाध्याय (शैलेश मटियानी सम्मान), देवकीनंदन भट्ट (मयंक) (गुमानी पंत पुरस्कार), गिरीश सुंदरियाल (भजन सिंह पुरस्कार), डॉ. सुरेश ममगाई (गोविंद चातक पुरस्कार), केए खान (प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार), डॉ. ललित मोहन पंत (डॉ. पीतांबर दत्त बड़वाल सम्मान), गणेश खुगशाल गणी (पंडित भैरव दत्त धूलिया सम्मान), प्रो. शैलेश (महादेवी वर्मा पुरस्कार) और डॉ. हरीश चंद्र (सुमित्रा नंदन पंत युवा पुरस्कार) शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान राज्य की भाषाओं और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तराखंड भाषा संस्थान के निदेशक डॉ. यशपाल सिंह कन्याल ने बताया कि संस्थान द्वारा वर्ष 2023 के लिए साहित्य पुरस्कारों की घोषणा करते हुए 10 साहित्यकारों को कई श्रेणियों में साहित्य गौरव सम्मान के लिए चुना गया था।
इस अवसर पर विभिन्न भाषाओं का मिश्रण पुस्तक तराण का भी विमोचन किया गया।
उत्तराखंड भाषा संस्थान के बारे में:
उत्तराखंड भाषा संस्थान की स्थापना 2003 में उत्तराखंड राज्य की भाषाओं और संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए की गई थी। संस्थान राज्य की विभिन्न भाषाओं में अनुसंधान और प्रकाशन करता है, भाषा शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है, और राज्य की भाषाओं और संस्कृति से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है।