भारत के विधि जगत में 21 फरवरी 2024 को एक युग का अंत हो गया। जाने-माने संविधान विशेषज्ञ और वरिष्ठ अधिवक्ता श्री फली एस. नरीमन का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

श्री फली एस. नरीमन को भारतीय न्यायपालिका के दिग्गजों में से एक माना जाता है। वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सबसे अधिक मुकदमे लड़ने वाले वकीलों में से एक थे। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी की, जिनमें से कुछ ने देश की न्यायिक व्यवस्था को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।
श्री नरीमन 1972 में भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एडिशनल सॉलिसिटर जनरल) नियुक्त किए गए थे। हालांकि, 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। यह कदम उनके सिद्धांतों के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है।
उन्हें उनके तेज दिमाग, गहन ज्ञान और बेबाक वकालत के लिए जाना जाता था। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, “फली नरीमन की आवाज सचमुच एक पीढ़ी की अंतरात्मा का प्रतिनिधित्व करती थी। वो अपने विचारों की अभिव्यक्ति में निडर होकर काम करते रहे। उन्होंने स्पष्टता के साथ लिखा और बोला.”
श्री नरीमन के निधन से भारतीय विधि जगत में एक गहरा शून्य पैदा हो गया है। उन्हें हमेशा एक आदर्श वकील और संविधान के रक्षक के रूप में याद किया जाएगा।