गुजरात की एक अदालत ने पूर्व IPS अधिकारी संजीव भट्ट को 1996 के एक ड्रग्स रोपण मामले में 20 साल की जेल की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, साल 1996 में संजीव भट्ट, जो उस वक्त पालनपुर में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे, ने एक वकील को फंसाने के लिए उनके होटल के कमरे में ड्रग्स रखवाए थे।
मामला क्या है?
- साल 1996 में पालनपुर के एक होटल के कमरे से संजीव भट्ट ने कथित रूप से ड्रग्स बरामद किए थे।
- ये वही कमरा था जहां उस वक्त एक वकील ठहरे हुए थे।
- वकील का आरोप है कि उन्हें फंसाने के लिए झूठा मामला बनाया गया था।
अदालत का फैसला
- गुजरात की एक सत्र अदालत ने हाल ही में मामले की सुनवाई पूरी करते हुए संजीव भट्ट को दोषी करार दिया।
- उन्हें NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम) की धाराओं के तहत 20 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
मामले के निहितार्थ
यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली और फर्जी मुठभेड़ों को लेकर उठाए गए सवालों को फिर से बल देता है। संजीव भट्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद से ही राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। इस वजह से यह मामला काफी चर्चा में रहा है।
गौर करने योग्य बातें
- यह फैसला अभी चुनौती के अधीन है। संजीव भट्ट उच्च न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं।
- इस मामले में अभी भी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं।