भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में एक बड़े कार्यबल के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभिन्न उद्योगों का भविष्य तय करेगी और इस क्षेत्र में कुशल कर्मचारियों की भारी मांग होगी।

TCS ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है कि वह कितने लोगों को काम पर रखना चाहती है, लेकिन खबरों के अनुसार यह संख्या हजारों में हो सकती है। कंपनी विभिन्न तरीकों से कृत्रिम बुद्धिमत्ता विशेषज्ञों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।
इन तरीकों में शामिल हैं –
- नए स्नातकों को प्रशिक्षण देना (Naye Snatakon Ko Prashिक्षan Dena): TCS का इरादा ऐसे स्नातकों को काम पर रखने का है जिनके पास कृत्रिम बुद्धिमत्ता में डिग्री या डिप्लोमा है और उन्हें उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- अनुभवी पेशेवरों को आकर्षित करना (Anubhavi Peshevaron Ko Aakarshit Karna): कंपनी उन पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए भी काम कर रही है जिनके पास पहले से ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अनुभव है। इसके लिए आकर्षक वेतन पैकेज और कैरियर विकास के अवसरों की पेशकश की जा रही है।
- अपने मौजूदा कर्मचारियों को कौशल उन्नयन (Apne Maujuda Karmachariyon Ko Kaushal Unnayan): TCS अपने मौजूदा कर्मचारियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में कौशल उन्नयन का अवसर भी दे रही है। इससे कंपनी को ऐसे कर्मचारियों का एक बड़ा पूल तैयार करने में मदद मिलेगी जिनके पास कृत्रिम बुद्धिमत्ता का कुछ न कुछ ज्ञान होगा।
यह कदम भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह बताता है कि आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में किस तरह का कौशल मांग में होगा। उम्मीद की जाती है कि TCS के इस कदम से अन्य कंपनियां भी प्रेरित होंगी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में काम करेंगी।