अदाणी समूह के अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, और NTPC जैसी अन्य बड़ी भारतीय कंपनियां भी हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं में रुचि दिखा रही हैं। सरकार ने भी हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां शुरू की हैं।
भारत के लिए हरित हाइड्रोजन के क्या लाभ हैं?
हरित हाइड्रोजन भारत को कई तरह से लाभ पहुंचा सकता है। यह देश को ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा। हरित हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन क्षेत्र में भी किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण कम होगा और देश की तेल पर निर्भरता कम होगी। इसके अलावा, हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं से देश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
अभी भी चुनौतियां बाकी हैं
हालांकि, हरित हाइड्रोजन क्षेत्र अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है। हरित हाइड्रोजन उत्पादन की लागत अभी भी अधिक है और बुनियादी ढांचे के विकास की भी जरूरत है। सरकार और निजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा ताकि हरित हाइड्रोजन को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाया जा सके।
गौतम अदाणी की हरित महत्वाकांक्षाएं
अडानी समूह की हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की योजनाओं का अभी पूरी तरह से खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन, यह कदम कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार करने की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है। अडानी समूह पहले से ही सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में एक प्रमुख खिलाड़ी है, और हरित हाइड्रोजन इस क्षेत्र में एक स्वाभाविक विस्तार है।
हरित भविष्य की ओर एक कदम
गौतम अदाणी सहित भारतीय उद्योगपतियों का हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में प्रवेश भारत के हरित भविष्य की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी मदद करेगा।