
आदिबदरी मंदिर के कपाट शीतकाल में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं। मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूरी की गई। इस अवसर पर मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ जुटी।
मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु भगवान आदिबदरी की पूजा अर्चना कर रहे हैं। शीतकाल में अधिकतर श्रद्धालु यहां विशेष रूप से धर्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालु अपनी श्रद्धा भाव से पूजा कर सकें।
आदिबदरी मंदिर, जो कि अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, खासकर सर्दियों में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है। मंदिर प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि सभी श्रद्धालु आराम से और सुरक्षित रूप से मंदिर के दर्शन कर सकें।
श्रद्धालुओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जब वे भगवान आदिबदरी की पूजा करते हुए अपनी आस्थाओं को मजबूती देते हैं और मंदिर में आकर एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं।