उत्तराखंड 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए तैयार है और खेल सुविधाओं के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो चुका है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि बीते वर्षों में प्रदेश में खेल अवस्थापनाओं का व्यापक विकास हुआ है। अब इन अवस्थापनाओं को संरक्षित और सुचारू बनाए रखने के लिए सरकार जल्द ही एक नीति तैयार करेगी।

राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां अंतिम चरण में
खेल मंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, रुद्रपुर समेत विभिन्न शहरों में निर्माण और सुंदरीकरण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अगले तीन से चार दिनों में शेष कार्य, जैसे राष्ट्रीय खेलों के प्रतीकों की स्थापना और अन्य अंतिम तैयारियां, पूरी कर ली जाएंगी। मंत्री ने कहा, “मैंने बीते दो महीनों में सभी आयोजन स्थलों का निरीक्षण किया है और सुनिश्चित किया है कि सभी तैयारियां तय समय पर पूरी हों।”
छोटे कस्बों और गांवों में खेल विकास
बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे कस्बों और गांवों में भी स्टेडियम, खेल छात्रावास, और साइकिलिंग वेलोड्रोम का निर्माण किया गया है। मंत्री ने कहा कि ये अवस्थापनाएं प्रदेश को खेल जगत में स्थापित करने में दीर्घकालिक भूमिका निभाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि इन सुविधाओं का सही रखरखाव और उपयोग सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
खेल अवस्थापना संरक्षण के लिए लेगेसी प्रोग्राम
खेल मंत्री ने घोषणा की कि सरकार लेगेसी प्रोग्राम के तहत एक नई नीति तैयार करेगी। इस नीति के माध्यम से खेल अवस्थापनाओं के रखरखाव और संरक्षण के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। मंत्री ने कहा, “यह नीति न केवल खेल मैदानों का संरक्षण सुनिश्चित करेगी, बल्कि हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे।”
प्रदेश में खेल संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
रेखा आर्या ने जोर दिया कि खेल अवस्थापनाओं का विकास प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देगा। उनकी दीर्घकालिक उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि इन्हें संरक्षित और प्रबंधित किया जाए।