
देहरादून 27 फ़रवरी: उत्तराखण्ड विधानसभा सत्र बीते शनिवार को ख़त्म हो गया है लेकिन सदन की चर्चाएँ अब भी सियासत के बाज़ार में गर्म है । ग़ौरतलब है कि सदन की कार्रवाई के दौरान संसदीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने असंसदीय भाषा प्रयोग कर पहाड़ के लोगों को अपशब्द कहे जिसके बाद पूरे प्रदेश में प्रेमचंद अग्रवाल के ख़िलाफ़ नाराज़गी है हालाँकि सड़क से लेकर सदन तक कड़ी आलोचना के बाद भी प्रेम चंद्र अग्रवाल ने माफ़ी माँगने की बजाय निंदा भर कर ख़ुद के ख़िलाफ़ षड्यंत्र और दुष्प्रचार करने का आरोप लोगों पर लगाया है । वहीं उत्तराखंड में भू क़ानून की लड़ाई छेड़ने में अहम योगदान देने वाली भू क़ानून संबंध में संघर्ष समिति द्वारा गुरुवार को बैठक बुलायी गई थी जिसमें कई क्षेत्रीय दल और सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया ।
मीडिया में बयान जारी करते हुए मूलनिवास भू क़ानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा पहाड़ की अस्मिता बचाने के लिए 01 मार्च को सांय कि 6 बजे प्रदेशभर में स्वाभिमान मशाल जुलूस निकाला जाएगा। मूल निवास भू-क़ानून संघर्ष समिति ने सभी सामाजिक संगठनों और आम जनता से मशाल जुलूस निकालने का आह्वान किया है। डिमरी ने कहा कि पहाड़ की अस्मिता पर लगातार चोट की जा रही है। पहाड़ के लोगों को सड़कों पर तो गालियां दी ही जा रही है और अब विधानसभा के अंदर पहाड़ के लोगों को गाली दी जा रही है। लेकिन एकाध विधायक को छोड़कर किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया। इससे पता चलता है कि पहाड़ के प्रति विधायकों की कैसी मानसिकता है।
बैठक में लूशुन टोडरिया सह-संयोजक मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति,राकेश नेगी,गढ़ कुमाऊं संगठन के कनिष्क जोशी, उत्तराखंड होटीलियर संगठन के कँवर बिष्ट,भू भूम्याल जागृति मंच से मोनू नौडियाल, अमित पंत, विकास रयाल, विपिन नेगी,पूर्व सैनिक संगठन,उत्तराखंड छात्र संघ सहित अन्य कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।