Friday, June 13, 2025
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उत्तराखंड सरकार पर बॉबी पंवार ने लगाए भ्रष्टाचार के साथ खड़े होने के गंभीर आरोप

देहरादून, 11 जून– उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आज देहरादून में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता में धामी सरकार और उसके द्वारा नियुक्त महाधिवक्ता पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया। पंवार ने दावा किया कि सरकार उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अनिल यादव के खिलाफ ठोस साक्ष्यों पर आधारित जनहित याचिका पर कार्रवाई करने के बजाय, भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का प्रयास कर रही है।
बॉबी पंवार ने अपनी बात को पुख्ता करने के लिए भ्रष्टाचार से जुड़े सभी दस्तावेज़ों और प्रमाणों को पत्रकारों के समक्ष रखा, ताकि जनता और पत्रकार तथ्यों के आधार पर सच्चाई से अवगत हो सकें।
पंवार ने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया कि सरकार द्वारा नियुक्त महाधिवक्ता और अन्य वकील भ्रष्ट अधिकारी की पैरवी कर रहे हैं, जबकि जनहित याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता को ही कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, “यह याचिका भ्रष्टाचार के खिलाफ थी, लेकिन सरकार और उसके वकील उसे याचिकाकर्ता के खिलाफ बना रहे हैं। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ न्याय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां भी हमें सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया गया।”
बॉबी पंवार ने इस पूरे घटनाक्रम को सरकार की एक सोची-समझी रणनीति करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब जनता न्याय के लिए कोर्ट जाती है, तो सरकार के अधिवक्ता जनता की आवाज बनने के बजाय भ्रष्ट अधिकारियों की ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं। पंवार ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई उत्तराखंड और जनहित के लिए है, लेकिन सरकार ने जानबूझकर उन पर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाकर मुकदमे दर्ज किए हैं, ताकि जनता की आवाज को दबाया जा सके।
पंवार ने आक्रोशित स्वर में महाधिवक्ता पर निशाना साधते हुए कहा, “यह वही महाधिवक्ता हैं जिन्होंने उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में CBI जांच कराने का विरोध किया था। अगर एक अधिवक्ता राज्य की बेटी को न्याय दिलाने से मुंह मोड़ सकता है, तो फिर जनता के विश्वास की रक्षा की उम्मीद कहां से की जाए?”
उन्होंने सरकार से यह भी सवाल पूछा कि “महाधिवक्ता की राज्य निर्माण में क्या भूमिका रही है?” इसके अतिरिक्त, उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार के पास महाधिवक्ता से लेकर सरकारी वकीलों की लंबी फौज उच्च न्यायालय में मौजूद है, तो फिर बाहरी वकीलों की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा 20-20 लाख रुपए प्रति सुनवाई के लिए बाहर से नियुक्त वकीलों को दिए जा रहे हैं, जबकि यह पैसा उत्तराखंड के हर व्यक्ति का है। पंवार ने कहा कि ये सभी सवाल सरकार की मंशा और पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।
प्रेस वार्ता में, बॉबी पंवार ने वकीलों पर खर्च हुए करोड़ों रुपए के भुगतान, रहने और शराब के बिलों का आंकड़ा भी पत्रकारों के सामने रखा, जिसे उन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग बताया।
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान ने इस अवसर पर कहा कि “लड़ाई अब शुरू हुई है – और जब तक उत्तराखंड से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होता, हम चुप नहीं बैठेंगे।”
प्रेस वार्ता के दौरान उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष कैलाश देवरानी, उपाध्यक्ष राजेंद्र भट्ट, मनोज कोठियाल और प्रमोद काला भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
बॉबी पंवार ने अंत में कहा कि अब उत्तराखंड की जनता जाग रही है और यदि सरकार ने जनता की आवाज नहीं सुनी तो सड़कों से लेकर न्यायालय तक आवाज गूंजेगी – और सच्चाई की जीत होगी।

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