
देहरादून।
उत्तराखंड विधानसभा में कार्यमंत्रणा समिति की कार्यप्रणाली पर विपक्ष ने गंभीर सवाल उठाए हैं। इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने समिति से इस्तीफा दे दिया है।
दोनों नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि पिछले कई सत्रों से कार्यमंत्रणा समिति में बहुमत के आधार पर विपक्ष की लगातार अनदेखी की जा रही है। पत्र में उल्लेख किया गया कि मानसून सत्र 19 से 22 अगस्त तक आहूत किया गया था, लेकिन सरकार ने 20 अगस्त को ही पूर्वाह्न में सत्र का समापन कर दिया। इस फैसले से पूर्व कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाकर विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया।
विपक्ष का कहना है कि सरकार विधानसभा संचालन में तानाशाही रवैया अपना रही है और जनता के साथ बड़ा धोखा कर रही है। नेताओं ने साफ कहा कि ऐसे हालात में समिति का हिस्सा बने रहना निरर्थक है, इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
यह घटनाक्रम राज्य की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं को कमजोर कर रही है और जनभावनाओं की अनदेखी कर रही है।