
देहरादून: उत्तराखंड में स्मार्ट मीटरों के कारण उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई बिजली रीडिंग और संबंधित परेशानियों के विरोध में राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने गुरुवार को देहरादून स्थित उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के मुख्यालय, ऊर्जा भवन, पर एक बड़ा प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए तत्काल आवश्यक कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें और आरोप
पार्टी के जिला अध्यक्ष नवीन पंत ने मौके पर पहुंचे यूपीसीएल मुख्यालय के अधीक्षण अभियंता डीएस पंवार को एक ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्होंने स्मार्ट मीटरों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को उजागर किया:
📢 जागरूकता एवं रिपोर्ट सार्वजनिक: उपभोक्ताओं को जागरूक करने हेतु पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए और स्मार्ट मीटरों की सटीकता पर प्रमाणित रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
अधिकारियों का आश्वासन और पार्टी का अल्टीमेटम
प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे अधीक्षण अभियंता डीएस पंवार ने उनकी मांगों को ध्यान से सुना और शीघ्र निस्तारण का आश्वासन भी दिया।
हालांकि, राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है। पार्टी ने स्पष्ट कहा है कि यदि 15 दिन के अंदर स्मार्ट मीटर को लेकर यूपीसीएल कोई ठोस निर्णय नहीं देता है, तो मुख्यालय पर और भी उग्र प्रदर्शन किया जाएगा, जो राज्य के हित में नहीं होगा।
इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, सुलोचना ईस्टवॉल, योगेश ईष्टवाल, नवीन पंत, बीपी नौटियाल, सुभाष नौटियाल, संजीव घिल्ड़ियाल, परवीन बालियान, समदर्शी वर्तवाल, मीना थपलियाल, रजनी कुकरेती, रेनू नवानी, शांति चौहान, सुमन रावत, राकेश जदली, रंजना नेगी, प्रीतम नेगी, तथा सुमित थपलियाल समेत तमाम पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।
बढ़े हुए बिजली बिल: प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं को सामान्य से कई गुना अधिक बिजली बिल प्राप्त हो रहे हैं।
पारदर्शिता की कमी: संजीव घिल्ड़ियाल ने आरोप लगाया कि ऊर्जा विभाग बिना किसी पूर्व सूचना या सहमति के पुराने मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगा रहा है, जिससे बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी हो रही है।
उपभोक्ता हितों की रक्षा: नवीन पंत ने दोहराया कि उनकी पार्टी उत्तराखंड के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
नीति पर प्रश्नचिह्न: वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश ईष्टवाल ने कहा कि ये समस्याएं न केवल उपभोक्ताओं के आर्थिक बोझ को बढ़ा रही हैं, बल्कि राज्य सरकार की ‘स्मार्ट’ ऊर्जा नीति की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगा रही हैं।
आक्रोश: किसान एकता मंच के प्रवीण सिंह ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में स्मार्ट मीटरों के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
ज्ञापन में की गई प्रमुख माँगे
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने अपने ज्ञापन में यूपीसीएल से निम्नलिखित त्वरित कार्रवाई की मांग की है:
✅ तत्काल स्वतंत्र जाँच: सभी प्रभावित उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटरों की तत्काल एवं स्वतंत्र जाँच कराई जाए और दोषपूर्ण मीटरों को तुरंत बदला जाए।
💰 बिलों का पुनर्मूल्यांकन: बढ़ी हुई रीडिंग वाले बिलों का पुनर्मूल्यांकन हो और अतिरिक्त राशि का समायोजन/वापसी सुनिश्चित की जाए।
📝 लिखित सहमति अनिवार्य: मीटर स्थापना से पूर्व सभी उपभोक्ताओं को लिखित सूचना एवं सहमति अनिवार्य की जाए।
⏱️ विशेष टास्क फोर्स: शिकायत निवारण हेतु एक विशेष टास्क फोर्स गठित की जाए, जो 15 दिनों के अंदर सभी शिकायतों का समाधान करे।

