बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड इलाके में स्थित रमेश्वरम कैफे में 1 मार्च, 2024 को हुए विस्फोट की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। इस कम-तीव्रता वाले विस्फोट में कम से कम 10 लोग घायल हो गए थे।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एक संदिग्ध व्यक्ति ने कैफे में एक बैग छोड़ा था, जिसके बाद विस्फोट हुआ। सीसीटीवी फुटेज में कैद तस्वीरों के अनुसार, संदिग्ध कैफे में लगभग नौ मिनट तक रहा और उसने खाने का सामान भी मंगवाया। विस्फोट से होने वाली क्षति को कम करने के लिए विस्फोटक में नट और बोल्ट का इस्तेमाल किया गया था, जिससे विस्फोट ऊपर की तरफ छत की ओर गया बजाय रेस्टोरेंट के अंदर लोगों की तरफ जाने के।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बताया कि बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में 40-50 सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं और जल्द ही संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसकी उम्र लगभग 28 से 30 साल के बीच है।
बेंगलुरु पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की जटिलता को देखते हुए अब जांच एनआईए को सौंप दी गई है। एनआईए आतंकवाद के मामलों की जांच करने वाली भारत की प्रमुख संघीय एजेंसी है।
यह विस्फोट बेंगलुरु में किस मकसद से किया गया, इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है। एनआईए की जांच से उम्मीद है कि इस मामले में शामिल लोगों का जल्द पता चल सकेगा और हमले के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सकेगा।