कोयंबटूर (तमिलनाडु): कोयंबटूर के शोधकर्ताओं ने रेलवे पटरियों के पास जंगली हाथियों का जल्द पता लगाने के लिए एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली ट्रेन-हाथी दुर्घटनाओं को रोकने में काफी मददगार साबित हो सकती है।

हाथी-ट्रेन दुर्घटनाओं की रोकथाम
तमिलनाडु के वन विभाग ने कोयंबटूर जिले के मदुक्करई क्षेत्र में रेलवे की पटरियों पर हाथियों के आने-जाने पर नजर रखने के लिए इस AI सिस्टम को लगाया है। इस क्षेत्र में अक्सर हाथी रेलवे ट्रैक पार करते हैं, जिससे ट्रेन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। पिछले तीन वर्षों (2021 से 2023) में ही इस इलाके में लगभग 9,000 बार हाथी रेलवे ट्रैक पार कर चुके हैं।
AI प्रणाली कैसे काम करती है
यह AI सिस्टम कैमरों की मदद से काम करता है। कैमरे लगातार रेलवे ट्रैक की निगरानी करते हैं और हाथियों का पता लगाने के लिए इमेज विश्लेषण का इस्तेमाल करते हैं। जब भी कोई हाथी ट्रैक के पास आता है, तो यह प्रणाली तुरंत वन विभाग और रेलवे अधिकारियों को सचेत कर देती है। इससे अधिकारी ट्रेनों की गति कम कर सकते हैं या जरूरत पड़ने पर उन्हें रोक भी सकते हैं, जिससे ट्रेन-हाथी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।
परीक्षण के सफल परिणाम
कोयंबटूर में लगाई गई AI प्रणाली ने अभी तक सफल परीक्षण का सामना किया है। खबरों के अनुसार, इसने मार्च के महीने में ही जंगली हाथियों द्वारा 150 से अधिक बार ट्रैक पार करने का पता लगाया है।
अन्य राज्यों में भी हो सकता है इस्तेमाल
कोयंबटूर की सफलता को देखते हुए उम्मीद की जाती है कि इसी तरह की AI प्रणालियों को देश के अन्य उन इलाकों में भी लगाया जाएगा जहां ट्रेन दुर्घटनाओं में अक्सर हाथी मारे जाते हैं। यह हाथियों के संरक्षण और रेलवे सुरक्षा दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।