दिल्ली के उपराज्यपाल ने विधानसभा चुनाव के बाद होने वाले मेयर चुनाव को स्थगित कर दिया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की राय लिए बिना चुनाव कराना ठीक नहीं होगा। इस कदम से आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव और बढ़ सकता है।
उपराज्यपाल ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम (MCD) अधिनियम की धारा 184 के तहत, मेयर का चुनाव कराने से पहले मुख्यमंत्री की राय लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री से कोई राय नहीं ली गई है, इसलिए चुनावों को स्थगित करना पड़ा।
AAP सरकार का कहना है कि उपराज्यपाल चुनाव प्रक्रिया में अनावश्यक अड़चनें पैदा कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि उपराज्यपाल को केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।
यह विवाद दिल्ली में सत्ता संघर्ष का एक हिस्सा है, जहां केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल और निर्वाचित AAP सरकार के बीच लगातार टकराव होता रहता है।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के विभिन्न नगर निगमों का एकीकरण कर दिल्ली नगर निगम (MCD) का गठन किया गया था। इसके बाद से ही मेयर चुनाव की तारीख को लेकर अटकलें चल रही थीं।
उपराज्यपाल के इस फैसले से अब यह स्पष्ट नहीं है कि मेयर चुनाव कब होंगे।