केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के नतीजे आ चुके हैं और इस साल भी कई छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया है. लेकिन कुछ कहानियां परीक्षा में मिले अंकों से भी कहीं ज्यादा प्रेरणादायक हैं. इन कहानियों में ऐसे छात्रों का जिक्र है जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों, खासकर माता-पिता को खोने के गम के बावजूद शानदार स्कोर हासिल किए हैं.

ज़ैनब फातिमा ने कॉमर्स स्ट्रीम में 95% अंकों के साथ 12वीं कक्षा पास की है. उन्होंने अक्टूबर 2022 में अपनी माँ को खो दिया था. परीक्षा परिणाम के बाद भी उनका दुख साफ झलकता है, “उन्हें बहुत याद कर रही हूं.” टीना बादलानी और अमीरा सिद्दीकी ने भी क्रमशः 86% और 82% स्कोर हासिल किए हैं. दोनों छात्राओं ने 11वीं कक्षा में रहते हुए अपनी माँ को खो दिया था.
इसी तरह से मानव विज्ञान से 12वीं करने वाले मोहम्मद औन, थैलेसीमिया मेजर से पीड़ित हैं. हर महीने उन्हें एसजीपीआई में खून चढ़वाना पड़ता है, लेकिन तमाम कमजोरियों के बावजूद उन्होंने 75% अंक हासिल किए हैं. उनकी प्रतिभा का ही कमाल है कि उन्होंने गृह विज्ञान में आयोजित न्यूट्री फेस्ट प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार भी जीता था.
शिव प्रताप सिंह, शिवानकी सिंह, मयंक श्री और मैत्री श्रीवास्तव – इन सभी छात्रों ने अपने पिता को कोविड-19 की लहर के दौरान खो दिया था. उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गई थी. लेकिन इन छात्रों के स्कूल ने उनकी फीस, यूनिफॉर्म, किताबें, स्टेशनरी आदि का खर्च उठाया और उनकी भावनात्मक रूप से भी मदद की. स्कूल के इस समर्थन से उन्हें यह अहसास हुआ कि पूरा स्कूल उनके साथ खड़ा है और यही वजह रही कि उन्होंने परीक्षाओं में भी अच्छा प्रदर्शन किया.
इन छात्रों की कहानियां हमें यह सीख देती हैं कि मुश्किल परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. इन छात्रों ने न सिर्फ परीक्षाओं में अच्छा स्कोर किया बल्कि हमें यह संदेश भी दिया है कि जीवन में हर चुनौती का सामना किया जा सकता है.