उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) उत्तराखंड, श्री ए.पी. अंशुमान ने गढ़वाल परिक्षेत्र के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत, बिना पंजीकरण वाले श्रद्धालुओं को यात्रा करने से रोका जाएगा और धामों में भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय किए जाएंगे।
पंजीकरण अनिवार्य:
चारधाम यात्रा पर निकलने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। बिना पंजीकरण के यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को चेकिंग बैरियर से ही वापस कर दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित रहे और धामों पर अत्यधिक भीड़ ना लगे।
क्षमता के अनुसार दर्शन:
प्रत्येक धाम की वहन करने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। यदि निर्धारित क्षमता से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं, तो उन्हें हरिद्वार, ऋषिकेश या अन्य निर्धारित स्थानों पर रुकने के लिए कहा जाएगा। इससे धामों में धक्कामुक्की और अव्यवस्था की स्थिति को रोका जा सकेगा।
सूचना का प्रसार:
चारधाम यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, जैसे दर्शन का समय, यात्रा मार्ग, पार्किंग व्यवस्था आदि को पीए सिस्टम के माध्यम से श्रद्धालुओं और आम जनता तक पहुंचाया जाएगा। इससे यात्रा सुगम होगी और असमंजस की स्थिति कम होगी।
फेक न्यूज पर रोक:
चारधाम यात्रा से जुड़ी अफवाहों और फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। ऐसे झूठे प्रचार करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
धामों में फोटोग्राफी प्रतिबंधित:
सुरक्षा कारणों से चारों धामों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक लगा दी गई है। मंदिर परिसरों में फोटो या वीडियो लेने वालों को सुरक्षाकर्मी रोकेंगे।
धार्मिक सम्मान बनाए रखें:
धार्मिक स्थलों पर अमर्यादित व्यवहार करने वालों के खिलाफ “ऑपरेशन मर्यादा” के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे धामों की पवित्रता और शांति बनाए रखी जा सकेगी।
उत्तराखंड सरकार के इन कदमों से उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष चारधाम यात्रा सुव्यवस्थित और सुरक्षित रूप से संपन्न होगी।