बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा एक तूफान के भीषण चक्रवात में तब्दील होकर 26 मई को पश्चिम बंगाल और उससे सटे बांग्लादेश के तट पर पहुंचने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चक्रवात रेमल को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी कर दिया है, जिससे इन राज्यों के तटीय जिलों में भारी बारिश, तेज हवाएं और तूफान आने का खतरा है।

पश्चिम बंगाल में एहतियाती कदम:
- पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 12 टीमों को तैनात किया गया है, वहीं 5 अतिरिक्त टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
- जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की बचाव और राहत टीमों को तैयार रखा गया है।
- मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
- चक्रवात प्रभावित होने वाले जिलों में निचले इलाकों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
- आशंका है कि चक्रवात रेमल के कारण मतदान में बाधा आ सकती है।
ओडिशा में तैयारियां:
- ओडिशा सरकार भी चक्रवात रेमाल से निपटने के लिए तैयार है।
- राज्य सरकार ने बचाव दल और राहत सामग्री को संभावित रूप से प्रभावित जिलों में तैनात कर दिया है।
- चक्रवात से निपटने के लिए राज्य आपदा मोचन बल (ODRF) की टीमों को अलर्ट कर दिया गया है।
- आम लोगों को एहतियात बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
चक्रवात रेमल का असर:
- मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात रेमल के कारण इन राज्यों के तटीय जिलों में 150 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
- भारी बारिश के कारण बाढ़ और जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है।
- बिजली के तार और पेड़ टूटने का भी खतरा है।
आपातकालीन स्थिति में संपर्क सूत्र:
- पश्चिम बंगाल: 1070 (राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण)
- ओडिशा: 911 (राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण)
सलाह:
- चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे प्रशासन द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करें।
- सुरक्षित स्थानों पर जाने और आपातकालीन किट तैयार रखने की सलाह दी जाती है।
चक्रवात रेमल से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठाना बहुत जरूरी है।