पुणे: पुणे के हाईप्रोफाइल पोर्श हादसे मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है. पुलिस ने अदालत में यह खुलासा किया है कि जांच में खून के नमूने से छेड़छाड़ का संदेह है।

17 साल के लड़के पर आरोप: इस मामले में आरोप है कि 17 साल के एक नाबालिग ने पोर्श कार चलाते हुए हादसा कर दिया था जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. शराब के प्रभाव में गाड़ी चलाने का भी शक था.
अस्पताल से जमा खून का नमूना फर्जी! पुलिस की जांच में पता चला है कि ससून अस्पताल द्वारा जमा किया गया खून का नमूना वास्तव में उस नाबालिग का नहीं था।
गिरफ्तारियां और आरोप: पुलिस को सबूतों से छेड़छाड़ की साजिश का शक है। मामले में लड़के के माता-पिता, ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों और अस्पताल के एक अन्य कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि मूल खून के नमूने को फेंक दिया गया था और उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति का नमूना पेश कर दिया गया।
सीसीटीवी फुटेज से मिले सबूत: इसके अलावा पुलिस का दावा है कि उनके पास सीसीटीवी फुटेज है जिसमें हादसे से पहले नाबालिग और उसके दोस्त बार में शराब पीते हुए दिख रहे हैं।
मामला अभी अदालत में अदालत अब जमा किए गए सबूतों की वैधता और गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ लगे आरोपों पर फैसला सुनाएगी। इस घटना ने सबूतों से छेड़छाड़ की गंभीर संभावना को उजागर किया है। साथ ही यह भी सवाल खड़े करता है कि क्या धन-बल ऐसे मामलों में प्रभाव डाल सकता है। इस मामले में आगे की कार्यवाही का सभी को इंतजार है।