
देहरादून : उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के लिए एक अच्छी खबर आई है। रक्षाबंधन के मौके पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह ने 10 हजार से ज्यादा राज्य आंदोलनकारियों को बड़ा तोहफा दिया है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी विगत 11 वर्षों से सरकारी सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण की मांग कर रहे थे। गौरतलब है कि पीछेले वर्ष धामी सरकार ने 10 % क्षैतिज आरक्षण अधिनियम को मंजूरी दी थी । वहीं उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह ने 10 % क्षैतिज आरक्षण अधिनियम पर हस्ताक्षर कर मंजूरी दे दी है ।
राज्य आन्दोलनकररियों ने जताई खुशी
राज्यपाल लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह ने राज्य आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण अधिनियम मंजूर कर दिया हैं। जिसके बाद राज्य आंदोलनकारियों में हर्ष की लहर है। प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि हम सभी पिछले 11-वर्षों से संघर्षरत थे। अधिनियम हस्ताक्षर होने पर मुख्यमन्त्री व राज्यपाल के द्वारा हमारे सभी राज्य आंदोलनकारी परिजनों के लियॆ रक्षा बन्धन का उपहार हैं। यें सभी राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष का परिणाम हैं। इस अधिनियम के हस्ताक्षर होने से 10-हजार राज्य आंदोलनकारी परिवारों को लाभ मिलेगा।
10% क्षैतिज आरक्षण एक्ट पर आरक्षण होने के लियॆ हमारे सभी राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष का परिणाम हैं। अब जल्द सभी भर्तियों हेतु शासनादेश जारी हो जाएं। हमारा संघर्ष रंग लाया यें मुख्यमन्त्री के प्रयास व राज्यपाल के इस कदम ने सभी मातृशक्ति को रक्षाबंधन का उपहार है।
क्या है 10% क्षैतिज आरक्षण अधिनियम
संशोधित विधेयक में यह प्रावधान भी किया है कि ऐसे आंदोलनकारी जो घायल हुए या फिर सात दिन से अधिक जेल में रहे, उन्हें समूह ग व घ के पदों पर सीधी नियुक्ति देने के लिए एक बार आयु सीमा तथा चयन प्रक्रिया को शिथिल किया जाएगा। जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित कमेटी शैक्षिक आधार पर यह नियुक्ति देंगे। यदि ऐसे चिन्हित आंदोलनकारियों की आयु 50 वर्ष से अधिक है अथवा वे शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम हैं तो फिर इस दशा में उनके एक आश्रित को यह लाभ मिलेगा।

इनको मिलेगा क्षैतिज आरक्षण
सात दिन से कम अवधि तक जेल में रहे आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। आश्रितों में पति, पत्नी, पुत्र एवं अविवाहित अथवा विधवा पुत्री ही शामिल होगी। विदित है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2013 से आंदोलनकारियों को आरक्षण पर रोक है।