देहरादून: रानीपोखरी के शांतिनगर गांव में करीब 100 आम के पेड़ों की एक ही रात में कटाई की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। इस घटना में वन और उद्यान विभाग के बीच आपसी तालमेल की कमी साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
बताया जा रहा है कि रात दो बजे वन विभाग की उड़नदस्ता टीम को इस घटना की सूचना मिली। टीम ने मौके पर पहुंचकर कई लोगों को गिरफ्तार किया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, वन विभाग ने इन सभी को यह कहते हुए छोड़ दिया कि यह मामला उद्यान विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है।
दूसरी ओर, उद्यान विभाग इस घटना से अनजान होने का दावा कर रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने किसी को भी आम के पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी है और न ही उन्हें इस घटना की कोई जानकारी मिली है।
इस पूरे मामले पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पेड़ों की अवैध कटाई एक गंभीर अपराध है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
विभागों के बीच तालमेल की कमी पर सवाल
इस घटना ने वन और उद्यान विभाग के बीच तालमेल की कमी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां वन विभाग ने पेड़ों की कटाई की सूचना मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई की, वहीं दूसरी ओर उद्यान विभाग घटना से अनजान बना हुआ है। दोनों विभागों के बीच इस तरह की खींचतान से जांच प्रभावित हो सकती है और दोषियों को बचाने में मदद मिल सकती है।
स्थानीय लोगों में रोष
इस घटना से स्थानीय लोगों में काफी रोष है। लोग सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, वे यह भी चाहते हैं कि दोनों विभाग मिलकर इस मामले की जांच करें और दोषियों को सजा दिलाएं।
प्रमुख बिंदु
- रानीपोखरी के शांतिनगर गांव में 100 आम के पेड़ काटे गए।
- वन विभाग ने कई लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन बाद में छोड़ दिया।
- उद्यान विभाग घटना से अनजान होने का दावा कर रहा है।
- कृषि मंत्री ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- विभागों के बीच तालमेल की कमी पर सवाल उठ रहे हैं।
यह घटना एक बार फिर पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे को सामने लाती है। पेड़ हमारे पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और उनकी अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचता है। सरकार को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए और पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।