जय कांग्रेस तई कांग्रेस ❌
गई कांग्रेस डूब गयी कांग्रेस ✅
बीते दिन कांग्रेस के कप्तान करण महारा और उनके कार्यकर्ताओं ने जो दमख़म पत्रकारों के साथ मारपीट,धक्कामुक्की और महिला पत्रकारों से समक्ष गालीगैलोच में उतना लोकसभा चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव में लगाया होता,विपक्ष में होने के चलते अगर स्थानीय मुद्दे भूना पाते तो उनकी पार्टी की प्रदेश में कुछ और तस्वीर होती ।
दरअसल कल कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ सचिवालय घेराव था जिसके बाद हमेशा की तरह प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार कर पुलिस लाइन लाई ।
वहीं पुलिस लाइन में प्रेस क्लब के द्वारा आयोजित टूर्नामेंट के फाइनल का प्राइज वितरण चल रहा था जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा मौजूद थे ।
बड़ी बात तो ये है कि नशे के खिलाफ सचिवालय घेराव करने वाली कांग्रेस के कई कार्यकर्ता करण महारा के नेतृत्व में नशे से पूर्णतह युक्त (मदिरासेवान) कर अवार्ड वितरण समारोह में खलल डाल कर पानी फेर देती है जबकि उनको अवगत करा दिया गया था कि यह उन्ही प्रेस और मीडिया वाले पत्रकारों का आयोजन है जिन्हें वे दिन एक बार तो संभवता मुखातिब होते ही हैं बावजूद इसके कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी जारी रखी और इसके उपरांत जब एक पत्रकार साथी द्वारा करण महारा को नेतृत्वकरता के चलते कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए कहा गया लेकिन करण माहरा फूनफूनाते हुए उन पत्रकार महोदय की ओर टूट पड़े और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का जोश देखा ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो कांग्रेस के कार्यकर्ता एक बार फिर आज़ादी की लड़ाई में अपनी आहुति देने के लिए तत्पर हो ।
क़रीब 30 मिनट तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस बेबुनियादी जंग को जारी रखा जिसमें वरिष्ठ और महिला पत्रकारों के समक्ष कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गाली गलोच बदस्तूर जारी रखी ।
जब भी किसी चुनाव के परिणाम आते है तो कई राजनीतिक पंडित कांग्रेस के पतन का विश्लेषण करते हैं लेकिन हमको लगता है की’’ प्रदेश में करण ही पतन का कारण हैं ‘’ जिस प्रकार बीते दिन उनका रवया रहा वह बेहद हास्यपद और बुद्धिविहीन था । एक अध्यक्ष के नाते उनको अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करना चाहिए था ।
कल करण महारा कांग्रेस अध्यक्ष कम और एनएसयूआई के कॉलेज प्रत्यासी ज़्यादा लग रहे थे । इन सब घटनाक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह भी मौजूद थे लेकिन उन्होंने तो कम से कम वरिष्ठ होने के नाते अपनी बुद्धिमता का प्रयोग अपने उदण्ड करते कार्यकता रूपी बलदों को समझा लिया होता लेकिन वे भी गांधी जी के ३ बंदरों में से एक आँख बंद वाले की भूमिका निभाते नज़र आए ।
हम इस घटना की कड़ी निंदा करते है और उम्मीद करते हैं कांग्रेस हाईकमान प्रदेश अध्यक्ष समेत जिमेदार लोगों पर उचित करवाई कर देश की सबसे पुरानी पार्टी होने का गौरव बनाये रखेगी ।
24 घंटों लोकतंत्र पर हमले का राग अलापने वाली कांग्रेस अगर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर चोट करेगी तो कैसे चलेगा भई….
खबर विस्तार से ….
देहरादून में एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई, जहां कांग्रेस नेताओं ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी और मारपीट की कोशिश की। यह घटना देहरादून के पुलिस लाइन मैदान में हुई, जहां डॉ. आर. पी. नैनवाल मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल का पुरस्कार वितरण कार्यक्रम चल रहा था।
घटना का विवरण
पुलिस लाइन में एक ओर क्रिकेट टूर्नामेंट का समापन समारोह हो रहा था, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का सचिवालय घेराव के दौरान गिरफ्तारी के बाद उन्हें पुलिस लाइन लाया गया। पुलिस द्वारा निजी कार्यक्रम स्थल पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लाना एक बड़ी चूक मानी जा रही है।
कार्यक्रम में मौजूद पत्रकारों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से शांत रहने का अनुरोध किया, ताकि कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न हो सके। लेकिन, पत्रकारों के इस आग्रह से कांग्रेस नेताओं को नाराजगी हुई और उन्होंने पत्रकारों के साथ बहस शुरू कर दी। स्थिति तब और बिगड़ गई, जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने खुद कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उद्घोषक और पत्रकार अनिल चंदोला पर हमला करने की कोशिश की।
करन माहरा और उनके नेतृत्व में मौजूद युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उद्घोषक अनिल चंदोला को घेरने और मारने की कोशिश की। पत्रकारों द्वारा बार-बार आग्रह किया गया कि यह एक निजी कार्यक्रम है और प्रदेश अध्यक्ष को अपने कार्यकर्ताओं को शांत करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। लेकिन माहरा और उनके सहयोगियों ने इन बातों को नजरअंदाज करते हुए पत्रकारों के साथ बदसलूकी जारी रखी।
प्रेस क्लब ने की निंदा
उत्तराखंड प्रेस क्लब ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। क्लब ने करन माहरा और उनकी नेतृत्व वाली टीम की इस हरकत को अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करना चाहिए था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष स्वयं पत्रकारों पर हमला करने की कोशिश कर रहे थे। यह लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
कार्रवाई की मांग
पत्रकारों ने इस घटना पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि दोषी नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, कांग्रेस नेतृत्व से माफी की भी मांग की गई है।